Shabd , shabd kise kahate hain , (क्या आप जानते हैं की शब्द क्या होता हैं)
परिचय(Introduction) – बोलना , हँसना , रोना , खेलना , किताब , कलम , दौड़ना , रहना , सोना , जितना , निखारना , विद्यालय , पुस्तकलय , महान , दुनिया , गांव , आप , खाना , काम , अपना , बड़ा , नादान , धुप , उजाला आदि सारे- के-सारे शब्द हैं , दूसरे शब्द में कहे तो संसार में जितने भी पदार्थों हैं उसका कोइ-न-कोइ नाम आवश्य होता हैं जो ‘नाम’ वर्णों से मिलकर बना होता हैं अतः वह सारे नाम शब्द कहलाते हैं, प्रमुख बात यह हैं की शब्द का निर्माण वर्णों के मिलने से होता हैं। यदि अभी तक आप शब्द को नहीं समझ पाए हैं तो इसके परिभाषा से जरूर समझ जायेंगें जो निम्न हैं ।
परिभाषा( Definition) – आपको बता दें कि ‘वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहा जाता हैं’ अथवा सुनाई पड़ने वाले ध्वनि के समूह को शब्द कहा जाता हैं और शब्द का मूल अर्थ ध्वनि हैं।
शब्द किसे कहते हैं(shabd kise kahate hain)
जैसे कि ऊपर बता दिया गया हैं कि शब्द का मूल अर्थ ध्वनि(Sound) होता हैं , हम जो भी बोलते हैं वह ध्वनि ही तो हैं और जब ध्वनि सार्थक रूप से आपस में मिलते हैं तो वह शब्द बन जाता हैं जिसका कोइ- न -कोइ अर्थ आवश्य होता हैं यदि कोइ अर्थ नहीं होगा तो वह शब्द निरर्थक हो जाएगा । शब्द को अंग्रेजी में Word कहते हैं ।
कुछ शब्दों का कुछ उदाहरण जो निम्न हैं :
लड़का , बालक , गाय , सरल , देश , राज्य , साहित्य , विचार , प्रधान , साथ , माँ , कारण, पृथ्वी , आकाश , व्याकरण , हिंदी , अंग्रेजी , समान , संस्कृत , माता , प्राकृति , अधिक , प्रयोग आदि शब्द हैं । कुल मिलाकर बात यह हैं कि जब दो या दो से अधिक वर्ण वर्ण आपस में मिलते हैं तो वह शब्द बन जाता हैं आपको इतना ही समझना हैं क्योंकि संसार में शब्द अनेका प्रकार कि हैं जिसकी कल्पना भी नहीं किया जा सकता हैं अतः हम जो भी बोलते हैं वही शब्द हैं ।
शब्द(Shabd) का निर्माण कैसे होता हैं –
जैसे ऊपर बता दिया गया हैं कि शब्द वर्णों का सार्थक मेल होता हैं , अब आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं जो निम्नलिखित हैं ।
जैसे – ‘सरल’ एक शब्द हैं जिसमें छः वर्ण आपस में मिला हुवा हैं जो इस प्रकार हैं – स + अ + र + अ + ल + अ = सरल ।
इसीप्रकार – रामायण = र + आ + म + आ + य + अ + ण + अ ।
बालक = ब + आ + ल + अ + क + अ ।
चालाक = च + आ + ल + आ + क + अ ।
माधव = म + आ + ध + अ + व + अ ।
नाव = न + आ + व + अ ।
दवात = द + अ + व + आ + त + अ ।
घर = घ + अ + र + अ ।
नल = न + अ + ल + अ ।
भाषा = भ + आ + ष + आ ।
गणित = ग + ण + इ + त + अ ।
रीता = र + ई + त + आ ।
इमली = इ + म + अ + ल + ई , इत्यादि अनेको प्रकार के शब्द हो सकते हैं ।
इन्हें भी पढ़ें :
3 . हिंदी व्याकरण किसे कहते हैं ?
5 . व्यंजन वर्ण(Hindi Consonant) किसे कहते हैं ?
शब्दों का भेद :
मूल रूप से शब्द के दो भेद होते हैं , जो निम्नलिखित हैं ।
(1) ध्वनि-प्रधान
(2) वर्ण- प्रधान
व्याख्या –
ध्वनि- प्रधान शब्द निरर्थक होते हैं तथा वर्ण-प्रधान शब्द सार्थक होते हैं । व्याकरण में सार्थक शब्दों की प्रधानता रहती हैं जिस पर कोइ विचार की जाती हैं लेकिन निरर्थक शब्द पर कोइ विचार नहीं की जाती हैं। इस प्रकार आप ये भी कह सकते हैं की शब्द के दो भेद (i) सार्थक शब्द (ii) निरर्थक निरर्थक शब्द होते हैं ।
(i) सार्थक शब्द- इस प्रकार के शब्दों का कोइ-न -कोइ सार्थक अर्थ जरूर होता हैं।
जैसे – ‘लड़का‘ सार्थक शब्द हैं लेकिन ‘ड़काल’ निरर्थक शब्द हैं ।
बालक – यह सार्थक शब्द हैं लेकिन ‘कबाल’ निरर्थक शब्द हैं हो सकता हैं सार्थक हो लेकिन बालक के दृष्टिकोण से निरर्थक हैं ।
(ii) निरर्थक- जिस शब्द का कोइ सार्थक अर्थ नहीं निकलता हैं तो वह निरर्थक शब्द कहा जाता हैं ।
जैसे – ड़घो , इसका कोइ अर्थ नहीं निकलता हैं ।
शब्दों का वर्गीकरण :
ध्यान दीजिए संसार में अनेकों प्रकार के भाषा हैं और जो भाषा जहा पर चलता हैं वहाँ के लोग उसी भाषा का प्रयोग करते हैं । यदि आपका भाषा हिंदी हैं तो आप हिंदी में ही किसी से बात करेंगें, इसके लिए सामने वाला को भी वही भाषा आना चाहिए जो भाषा आप जानते हैं , हम ये सब इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आपको शब्दों का वर्गीकरण के बारे में बताना हैं । अर्थात किसी भी भाषा को बोलने के लिए शब्दों का सहायता लेना पड़ता हैं क्योंकि बिना शब्द के किसी भी भाषा को बोलना असंभव हैं क्योंकि शब्दों को मिलाने से वाक्य बनता हैं और अपने विचारों को लोगो के पास रखने के लिए वाक्यों का प्रमुख स्थान होता हैं।
किसी भी भाषा के लिए शब्दों का वर्गीकरण करना अथवा किसी चीज के आधार पर बाटना इतना आसान नहीं हैं । हिंदी , संस्कृत , अंग्रेजी आदि कोइ भी भाषा क्यों न हो इनके अंतर्गत आने वाले शब्दों का वर्गीकरण भिन्न-भिन्न आधारों पर किया जाता हैं । अभी आप हिंदी भाषा पढ़ रहे हैं इसलिए हिंदी भाषा के शब्दों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया हैं इसके बारे में जानेंगें।
शब्दों का वर्गीकरण(Classification) निम्नलिखित रूपों में किया गया हैं ।
1 . उद्गम के विचार से
2 . व्युत्पत्ति के विचार से
3 . अर्थ के विचार से
4 . रूपांतर के विचार से
(Note- यदि आप ऊपर दिए गए शब्दों(Shabd) के इन चारों रूपों को अच्छी तरह से जान लेते हैं तो शब्दों के सम्बंधित सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर मिल जायेंगें ।)
व्याख्या :
1 . उद्गम के विचार से – ध्यान दीजिए उद्गम का अर्थ होता हैं उत्पन होना या उत्पति का स्थान अर्थात ‘शब्द’ जहाँ से उत्पन हुवा हैं । अब आपको बता दें उद्गम के विचार से शब्द के पाँच भेद होते हैं , जो निम्नलिखित हैं।
(i) तत्सम – इसका अर्थ होता हैं उसी के समान या ज्यों-का-त्यों । हिंदी साहित्य में संस्कृत के अनेकों शब्द मिल गए , मतलब संस्कृत के बहुत सारे शब्द ज्यों-का-त्यों हिंदी में आ गए अतः इस प्रकार के शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता हैं ।
जैसे – अक्षर , असुर , अध्यापक , ज्ञान , आकाश , उपवास , कुमार , कर्म , गुण , जल , जीव , धर्म , नदी , आदि ।
(ii) तद्भव – जो शब्द संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर हिंदी में आए है वह तद्भव शब्द कहलाते हैं । हिंदी भाषा के अधिकांश शब्द तद्भव हैं । संस्कृत से प्राकृत में होकर हिंदी में आने वाले शब्दों की सूची निम्नलिखित हैं।
जैसे-
संस्कृत | प्राकृत | हिंदी (तद्भव) |
अग्नि | अग्नि | हिंदी |
गृह | घर | घर |
मुख | मुह | मुँह |
ग्राम | गाम | गाँव |
कर्पूर | कप्पूर | कपूर |
कोकिल | कोइल | कोयल |
वत्स | बच्छ | बछेड़ा , बच्चा |
(iii) अर्द्ध-तत्सम
(iv) देशज और विदेशज
2 . व्युत्पत्ति के विचार से
3 . अर्थ के विचार से
4 . रूपांतर के विचार से
इन्हें भी पढ़ें – पर्यावाची शब्द किसे कहते हैं ?