Hindi Consonants (हिंदी व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं, परिभाषा भेद एवं उदाहरण ) – Consonant
परिचय(Introduction)- हिंदी भाषा को शुद्ध-शुद्ध पढ़ने लिखने तथा बोलने के लिए हिंदी वर्णमाला के जितने भी वर्ण होते हैं उन सभी वर्णो को सीखना पड़ता हैं जिसके अंतर्गत दो प्रमुख वर्ण आते हैं पहला स्वर वर्ण तथा दूसरा व्यंजन वर्ण और इन्हीं दोनों वर्णो के सहयोग से हिंदी भाषा के शब्द बनते हैं। इस पेज में हम हिंदी व्यंजन(hindi consonants) के बारे में अध्ययन करेंगें तथा इनके विभिन्न प्रयोगों को भी जानेंगें ।
व्यंजन वर्ण – जिस वर्ण का उच्चारण करते समय किसी दूसरे वर्ण का सहायता लेना पड़े तो वह व्यंजन वर्ण(consonant) कहा जाता हैं अर्थात जिस किसी वर्ण को बोलते समय अथवा उच्चारण करते समय स्वर वर्ण का सहायता लेना पड़े तो वह वर्ण व्यंजन वर्ण कहलाता हैं ,मुख्य बात यह हैं की व्यंजन वर्ण का उच्चारण करने के लिए स्वर वर्ण का सहायता लेना ही पड़ता हैं।
consonants meaning in hindi
व्यंजन वर्ण की पहचान – जैसा की बता चुके हैं की हिंदी वर्णमाला के दो भाग स्वर और व्यंजन वर्ण हैं , अब उन व्यंजन वर्ण को निचे प्रस्तुत कर रहे हैं जो क ख ग से शुरू होती हैं और क्ष त्र ज्ञ तक जाती हैं इसके बाद सभी व्यंजन वर्ण के बारह खाड़ी बना दिया जाता हैं।
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ
Note(ध्यान) – ऊपर के वर्णों में य र ल व को छोड़कर बाकी पाँचों वर्ग के रूप में समझा जाता हैं जैसे क ख ग के सभी वर्ण को कवर्ग कहा जाता हैं , इसी प्रकार अन्य को चवर्ग , टवर्ग , तवर्ग , पवर्ग कहा जाता हैं । यदि आपको वर्ण के बारे में पता नहीं हैं तो आपको बता देना चाहूँगा की ध्वनि के मूल इकाई को वर्ण कहा जाता हैं जिसके बारे में वर्णमाला में अध्ययन किए होंगें ।
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hindi consonants
इसके बाद बारह खाड़ी आते हैं जो बहुत महत्पूर्ण होता हैं क्योंकि बारह खाड़ी के बिना किसी भी वर्ण का अक्षर नहीं बना सकते हैं अतः अक्षर बनाने के लिए यह बहुत जरूरी होता हैं । यहाँ पर एक बात को समझना बहुत जरूरी हैं की बारह खाड़ी बनाने के लिए हिंदी मात्रा की आवश्यकता होती हैं और मात्रा स्वर वर्ण की होती हैं इस प्रकार स्वर वर्ण की मात्रा को भी समझना पड़ेगा जिसे हम आगे जानेंगें , उससे पहले खाड़ी के बारे में जानते हैं जो निम्नलिखित हैं।
क का कि की के कै को कौ कं क:
यहाँ देखना हैं कि बारह खाड़ी कैसे बनता हैं- तो जब किसी व्यंजन वर्ण के साथ में स्वर के मात्रा को जोड़ दिया जाता हैं तो खाड़ी का निर्माण होता हैं जिसे निचे दर्शाया जाता हैं ।
ख + अ = ख
ख + आ = खा
ख + इ = खि
ख + ई = खी
ख + उ = खु
ख + ऊ = खू
ख + ए = खे
ख + ऐ = खै
ख + ओ = खो
ख + औ = खौ
ख +अं = खं
ख + अ: = ख:
इसी तरह आगे के जो भी व्यंजन वर्ण हैं सब को इसी प्रकार मात्रा लगाया जाता हैं और अक्षर का निर्माण किया जाता हैं ।
Note( ध्यान दें) – ऊपर में क तथा ख में मात्रा का प्रयोग किया हैं जो बारी – बारी से जुड़ते जाते हैं , जिसमें अ का मात्रा नहीं होता हैं इसके बाद –
आ कि मात्रा आ होता हैं
इ कि मात्रा ि
ई का – ी
उ का- ु
ऊ का – ू
ए की मात्रा – े
ऐ की – ै
ओ के मात्रा – ों
औ का – ौ
अं – ं
अ: – :
इसी प्रकार जितने भी व्यंजन वर्ण होगा सभी के साथ स्वर के मात्राओं का प्रयोग करके खाड़ी का निर्माण किया जाता हैं , कुछ उदाहरण निचे दे रहे हैं जिसे देखकर समझ सकते हैं –
घ घा घि घी घु घू घृ घे घै घो घौ घं घः
च चा चि ची चु चू चे चै चो चौ चं च:
ठ ठा ठि ठी ठु ठू ठे ठै ठो ठं ठः
ण णा णि णी णु णू णू णे णै णं ण:
त ता ति ती तु तू ते तै तं तः
थ था थु थू थू थे थै थो थौ थं थः
द दा दि दी दे दै दो दौ दं दः
ध धा धि धी धु धू धे धै धो धौ ढं ध:
फ फा फि फी फु फू फू फे फै फो फौ फं फः
भ भा भि भी भू भू भे भै भो भौ भं भः
ष षा षि षी षु षू षृ षे षै षो षं ष:
क्ष क्षा क्षि क्षी क्षे क्षै क्षो क्षौ क्षं क्ष:
त्र , त्रा , त्रि , त्री – – – – – – – – – – – – त्र:
hindi consonants
यहां तक आपने समझ चुके हैं की अक्षर कैसे बनाया जाता हैं , अब आपके मन में एक सवाल आता होगा की इन बारह खाड़ी का उपयोग कहा किया जाता हैं तो आपको बता दे की इसके बिना आप हिंदी भाषा को न लिख सकते हैं और न पढ़ सकते हैं क्योंकि इन अक्षरों के आपस में मिलने से शब्द बनता हैं तथा शब्दों को मिलने से वाक्य बनता हैं ।