Hindi Letter , (हिंदी पत्र लेखन ,पत्र कैसे लिखा जाता हैं)- Letter writing in hindi

Hindi Letter , (हिंदी पत्र लेखन ,पत्र कैसे लिखा जाता हैं)- Letter Writing In Hindi

परिचय(Introductions) – क्या आप जानते हैं कि पत्र(Letters) क्या होता हैं और इसे कैसे लिखा जाता हैं , तो आपको बता दें की इस पेज में पत्र के बारे में सारी जानकारी मिलने वाली हैं । आप अपने आस – पास के व्यक्ति से तो आसानी से बात कर लेते हैं उनकी हाल समाचार ले लेते हैं लेकिन जब कोइ व्यक्ति आपसे दूर हो तो उनकी समाचार कैसे जान पायेंगें , अभी तो टेलीफोन/ मोबाइल फोन हैं जिसकी सहायता से कहीं भी अपने किसी व्यक्ति से बात कर सकते हैं और उनकी हाल समाचार ले सकते हैं । लेकिन जब टेलीफोन नहीं  था तब अपने से दूर व्यक्ति के पास कोइ सन्देश भेजने के लिए पत्र का सहायता लेना पड़ता था , वैसे तो पत्र कि महत्ता अभी भी खत्म नहीं हुई हैं जबकि अभी इसकी महत्ता बहुत अधिक हैं । जब बाते गंभीर और विशेष हो तो उसे बताने के लिए पत्र(Letter) ही कारगर होता हैं ।

 

 

Letter Writing In Hindi

 

पत्र किसे कहा जाता हैं या पत्र क्या होता हैं (Patra kise kahate hain) :

जब किसी सन्देश को कागज पर लिखकर एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाए तो वह पत्र कहलाता हैं अथवा जब कोइ व्यक्ति अपनी बातों को कागज पर लिखकर किसी अन्य व्यक्ति के पास भेजते हैं, जिसके पास वह भेजना चाहते हैं वही पत्र कहलाता हैं । वास्तव में पत्र लिखित रूप में बताई गई कोइ बातें होती हैं , जिसकी सहायता से संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह आदान-प्रदान करते हैं , अर्थात जब कोइ व्यक्ति अपने पास अथवा दूर के किसी व्यक्ति का हाल समाचार , कोइ निजी बातों की जानकारी लिखित रूप में प्राप्त करते हैं तो वह पत्र कहा जाता हैं और पत्र लिखने की क्रिया को ‘पत्र लेखन’ कहा जाता हैं । 

पत्र लेखन एक प्राचीन कला हैं जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही किया जाता हैं यूँ कहे तो पत्र लेखन की क्रिया तब से शुरू हुई जब से लोग पढ़ना – लिखना प्रारम्भ किया , सच कहा जाए तो पिछले कई युगों में भी पत्र लेखन की कला का प्रमाण मिलता हैं । एक बात तो हैं ,  पत्र में लिखी हुई बातें बहुत प्रभावशील होते हैं इसमें अपनापन की भाव छुपा होता हैं। 

 

पत्र भेजने की माध्यम –  कहा जाता हैं की एक जवानें में पंक्षी अपने मुँह में पत्र दबाकर एक जगह से दूसरे जगह ले जाया करती थी लेकिन आज के दुनिया में ऐसा देखने को कहा मिलता हैं । पत्रों को एक जगह से दूसरे जगह भेजने का प्रमुख दो माध्यम हैं (1)  किसी व्यक्ति के हाथों पत्रों को भेजा जाना (2) डाक द्वारा पत्र को एक जगह से दूसरे जगह भेजा जाना । लेकिन हर स्थिति में व्यक्ति ही पत्र को ले जाने अथवा ले आने वाला होता हैं डाक भले ही पत्र को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते हैं , परन्तु प्राप्तकर्ता के पास पत्र लेकर व्यक्ति ही पहुंचते हैं ।

 

Hindi Letter

पत्र के प्रकार अथवा भेद (Types of letter)

पत्र प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं । 

(1) अनौपचारिक पत्र(Informal Letter) – इसके अंतर्गत व्यक्तिगत , परिवारिक , सामाजिक पत्र आते हैं अर्थात इन पत्रों के अंतर्गत उन पत्रों को शामिल किया जाता हैं जो पत्र अपने प्रियजनों , मित्रों , सगे- सम्बन्धियों , पुत्र , माता – पिता , भाई – बहन आदि के लिए लिखा जाता हैं । साथ में इसके अंतर्गत बधाई पत्र , शोक , दुःख – सुख के लिए लिखें जाने वाले पत्र शामिल हैं । 

(2) औपचारिक पत्र(Formal Letter) – इसके अंतर्गत आवेदन पत्र / प्रार्थना पत्र आदि आते हैं । अर्थात् प्रधानध्यापक, मुख्याध्यापक , सरकारी , गैरसरकारी, व्यावसायिक , निमंत्रण , आदि के लिए पत्र लिखा जाता हैं।
पत्र लिखने के लिए कुछ प्रमुख बातें को ध्यान देना बहुत जरूरी होता हैं अर्थात एक अच्छा पत्र लिखने के लिए किन- किन बातों का ध्यान देना चाहिए इनकी जानकारी निचे दी जा रही हैं । 
1 . सरल भाषा का प्रयोग करे- पत्र लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करें ताकि पढ़ने वालों को सारी बातें आसानी से समझ में आ जाए । इसका सबसे बड़ा फायदा होता शब्दों के भाव को बड़ी सरलता से समझ लिया जाता हैं, और लिखी हुई बातें भी पूरी तरह से समझ में आ जाते हैं । इसलिए पत्र लिखते समय सरलता का ध्यान रखें।
2 . विचारों को स्पष्ट रखें – अपने विचारों को पूरी तरह से स्पष्ट रखें , ताकि आपकी बात पढ़ने वाले को अच्छी तरह से समझ में आ जाए क्योंकि जब तक आप अपने बातों को स्पष्ट नहीं रखेंगें तब तक तब तक आपके बातों को समझ नहीं पायेंगें ।
3 . संक्षेपण और सरलता का ध्यान रखें – तीसरी बात यह हैं की पत्र लिखते समय अपने बातों को संभवतः संक्षेप में लिखें । जितना आप संक्षिप्त में लिखेंगें उतना ही उस लेखन में निखार आयेंगें और पढ़ने वालों के लिए भी अच्छा रहेगा , अन्यथा वह पत्र पढ़ते समय उलझ सकता हैं । 

अब  बारी-बारी से पत्र के दोनों भेदों का अध्ययन करते हैं। जिसमें सबसे पहले अनौपचारिक पत्र के बारे में जानते हैं।

 

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(1) अनौपचारिक पत्र :
(जैसे की आप जान चुके हैं अनौपचारिक पत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी पत्र आता हैं , उसी के आधार पर कुछ पत्रों को लिखा जा रहा हैं।)
निजी पत्र-  जब कोई पत्र अपने रिश्तेदार,दोस्तों सगे संबंधी आदि के लिए लिखते है तो वह निजी पत्र कहलाता हैं।  यदि आप निजी पत्र लिखना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें जो की बहुत जरूरी हैं। 
निजी पत्र लिखने का तरीका –
(i) आप जिसके पास पत्र भेजना चाहते हैं, वहा का पता(Adress) लिखें और जिस तारीख को पत्र भेज रहे हैं उसका भी तिथि लिखें और इन बातों को सबसे पहले दाहिने तरफ लिखें। फिर इसके बाद बायें तरफ नीचे से लिखें। 
(ii) यदि आप अपने से बड़े व्यक्ति के लिए पत्र लिख रहे हैं तो आदरणीय, पूजनीय , मान्यवर आदि आदर सूचक शब्दों का प्रयोग करें। जैसे आदरणीय चाचा जी, मान्यवर आचार्य महोदय, पूजनीय पिता जी आदि । और यदि आप महिलाए के लिए लिख रहे हैं तो इसके लिए पूजनीय, आदरणीया, परमादरणीया, आदि के साथ संबोधन करें। और इसके बाद अगले पंक्ति में नया पैरा के रूप में प्रणाम , चरण वंदना , नमस्ते आदि शब्दों का प्रयोग करें।  और जब आप पत्र को पूरी तरह से लिख लेते हैं और समापन कर लेते हैं तो अंत में – आपका आज्ञाकारी , आपका विश्वास भाजक, स्नेहभाजक , आज्ञानुवर्ती , कृपाकांक्षी, आपका कृपापात्र , आपका प्रिय पुत्र/पुत्री, कृपा अभिलाषी/ अभिलाषिणी(स्त्री के लिए) लिखें ।
(iii) यदि आप छोटे के पास पत्र लिख रहे हैं तो प्रिय, चिरंजीव , आयुष्मान , प्यारी शब्दों का प्रयोग करें ।
जैसे-  प्रिय राजू , प्यारी पुत्री , प्यारी अंजना और नीचे प्रसन्न रहो , आशीर्वाद आदि लिखें जो भी लिखना हो जैसे – खुश रहो, सुखी रहो , चिरंजीवी होवो।  और जब पत्र लिख लेते हैं तो अंत में आपका या तुम्हारा , स्नेही , हितैषी, शुभचिंतक , लिखे फिर अपना लिखे । अर्थात आपका शुभचिंतक अरुण । गोपाल । रमेश आदि लिखें। 
(iv) यदि आप किसी मित्र के पास पत्र लिखते हैं तो , मित्रवर, प्यारे , प्रिय , प्यारी , का प्रयोग करें।
जैसे – प्रिय राजू, प्रिय रमेश , प्यारी नेहा , प्यारी पूनम लिखें। और जब पत्र लिख लेते हैं तो अंत में आपका अथवा तुम्हारा शुभचिंतक , हितैषी लिखें।
(v) यदि आप बराबर वालों के पास पत्र लिखते हैं तो यहां भी प्रिय , प्रिय बंधु , बंधुवर , प्रियभाई, या बहन लिखें और अभिवादन के लिए नमस्ते या नमस्कार लिखें। जब पत्र लिख लेते हैं तो अंत में आपका , तुम्हारा हितैषी, लिखें।
(vi) यदि आप पत्नी के पास लिखते हैं तो प्रिये, प्रेयसी, प्रिय , शोभा , प्राणेश्वरी , प्रियत्मे इनमें से किसी भी शब्दों से शुरू करें । अर्थात जब पत्र लिखना शुरू करते हैं तो शुरुआत में लिखना होता हैं । जैसे – प्रेयसी रूपा , प्रिय पुष्पा , शोभा राधा, प्रियतमे नेहा , आदि जो भी आपका पत्नी का नाम हैं उसका नाम लिखें। अभिवादन में सस्नेह लिखें और जब पत्र लिख लेते हैं तो अंत में तुम्हारा / आपका अभिन्न — जो भी आपका नाम हैं वह लिखें।
(vii) यदि आप पति के पास पत्र लिखते हैं तो प्रियवर, प्राणेश्वर, प्राणपति , प्राणनाथ , प्रियतम , हृदयेश , इनमें से कोई एक लिखे इसके बाद अभिवादन के लिए सादर प्रणाम , प्रणाम या नमस्ते लिखें। और अंत में पत्र लिख लेने के बाद तुम्हारी , आपकी , भवदीया, आज्ञाकारणी, आपकी जीवन साथी , इनमें से कोई एक लिखें। 
(viii) यदि आप किसी अपरिचित के पास पत्र लिखते हैं तो महोदय , प्रिय महोदय , महोदया , कोई एक लिखें। अभिवादन के लिए नमस्ते लिखें । फिर अंत में जब आप पत्र लिख लेते हैं तो शुभचिंतक , भवदीय, चुभचिंतिका, हितैषिणी, आदि आदर सूचक शब्द लिखें।
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सामाजिक पत्र (Social letter)- इसके अंतर्गत बधाई पत्र , निमंत्रण पत्र , प्रमान पत्र, शोक पत्र आदि सम्मिलित हैं । जिसमें किसी एक व्यक्ति को संबोधित नहीं किए जाते हैं बल्कि पूरे परिवार अथवा समाज को सम्बोधित किए जाते हैं । 

इन पत्रों में औपचारिकता का निर्वाह करना पड़ता हैं । लिखने की शैली रूचिपूर्ण तथा कलात्मक होता हैं इसमें भेजने की तिथि लिखने की आवश्यकता नहीं होते हैं लेकिन तिथि लिखने से गलत भी नहीं माना जाता हैं । इसमें हस्ताक्षर करने की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं । सामाजिक पत्रों का अनेकों पद्धति हैं । अतः सामाजिक पत्र किस प्रकार लिखा जाता हैं इसे आप नीचे जरूर पढ़ें।
हम कुछ अनौपचारिक पत्रों के उदाहरण दे रहे हैं जिसे आप पढ़कर समझ सकते हैं की कोई भी पत्र कैसे लिखा जाता हैं । 

 

1 . पिता के पास पुत्र का पत्र : 

पूज्य पिता जी ,

      सादर प्रणाम । 

                                                                                                                               पटना 

                                                                                                                               20 – 12 – 2022     

              मैं सकुशल में और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की आप सब भी अच्छे होंगें । आगे कहना हैं की मेरे आठवीं वर्ग का वार्षिक परीक्षा संपन्न हो गई हैं , जो परीक्षा बहुत ही अच्छा रहा और हमें पुरे विश्वास हैं की हम अच्छे नंबर से पास होंगें । मैं अपना सभी काम समय पर करता हूँ तथा स्वस्थ्य का विशेष ध्यान रखता हूँ , जिससे पढ़ाई में और ज्यादा रूचि रहता हैं क्यों एक स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य  मस्तिक का वाश होता हैं जिससे किसी भी विषय को समझने में कोई परेशानी नहीं होती हैं । आगे के वर्ग में ओर ज्यादा मेहनत करेंगें और सफलता के पंक्ति में हमेशा आगे रहने की पुरे प्रयास करेंगें । आगे विशेष क्या कहूँ, सब कुछ बिलकुल ठीक हैं माँ को प्रणाम हैं और छोटे को प्यार।

                                                                                            आपका प्रिय पुत्र

                                                                                             सुदीप कुमार 

 

 

(Note – आप जहा से पत्र लिख रहे हैं उस जगह का पता दाएँ और लिखें , और जिस जगह के लिए पत्र लिक रहे हैं उसका पता पत्र के अंत में निचे दाएँ तरफ लिखें ।) 

 

 

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2 . मित्र के पास पत्र : 

( मित्र के समाचार जानने के सम्बन्ध में एक पत्र लिखें )

प्रिय मित्र

इंद्रजीत कुमार  

सस्नेह ।

              मैं सकुशल हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की आप भी खुश होंगें । आपका पत्र मिला था जिसे पढ़कर मैं बहुत कुछ हुवा , लेकिन कुछ दिनों से आपका हाल समाचार नहीं जान पाया हूँ इसलिए आपका सुधि लेने का तीव्र इच्छा हुई।जब भी आपका समाचार आना बंद हो जाता हैं तब मेरा मन बैचेन होने लगता हैं और मैं घबराने लगता हूँ और सोचता  हूँ की आप ठीक होंगें की नहीं , लेकिन जब आपका कुशलता जान लेता हूँ तो सब कुछ ठीक हो जाता हैं। बाकी आपके सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की बहुत जल्दी आपको कामयाबी मिले ।आगे क्या बताओं यहाँ भी सब ठीक हैं , बाकी आप और आपके परिवार के स्वस्थ्य का कामना करते हैं की आप सपरिवार स्वस्थ रहे ।  उम्मीद हैं कि अपने आने वाले अच्छे समय के बारे में , आप हमें जरूर बताएंगें । आपका हर एक पल खुशियों से भरा रहे । घर में बड़े को प्रणाम और छोटे को प्यार कहना । 

                                                                 आपका प्रिय मित्र 

                                                                 ललित कुमार 

                                                                 दिल्ली ।

 

 

 

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3 . छोटे भाई के पास पत्र (ये पत्र किसी भी सम्बन्ध में हो सकता हैं , कोइ अच्छे सलाह के लिए , प्रेरणा के लिए ,परीक्षा फल की बधाई देने के लिए आदि) 

छोटे भाई के मैट्रिक परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई पत्र :

प्रिय रविश  ,

चिरंजीवी हो ,

हमें जब से पता चला हैं की तुम मैट्रिक के परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हो , तब मैं मेरे प्रसन्नता का सीमा नहीं रहा । मैं आपके मेहनत और सफलता से बहुत खुश हूँ ,और आगे भी ऐसे ही सफलता मिलते इसके लिए ईश्वर से प्रार्थना करता रहता हूँ। आगे मेहनत करने में कभी भी हिम्मत नहीं हारना , धैर्य और लगन से अपने कार्य में लगे रहना, दूसरी बात कहना चाहूंगा कि दुनिया में सच्चा मित्र पुस्तक होती हैं , इसे जितने अपने  करीब रखोगें वह उतना ही तुम्हारे पास रहेगा । आगे के वर्ग में नामांकन के लिए रूपये भेज दिया हूँ जिससे तुम आपने आपश्यकता के पुस्तकें भी खरीद लेना , बाकी किसी भी प्रकार के समस्या हो तो हमें बताने में कोइ संकोच नहीं करना । बाकी घर में सब ठीक हैं तुम अपना ख्याल रखना और स्वस्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देना ।

                                                                             तुम्हार बड़े भाई 

                                                                             सुदीप कुमार ।

 

 

 

 

4 . पत्नी के पास पत्र 

(अच्छे व्यवहार के लिए अपने पत्नी के पास पत्र )

प्रिय शोभा ,

राधा कुमारी 

मेरे प्रिय राधा कैसी हों , बहुत दिनों से तुम्हारा हाल-समाचार नहीं जान पाया हूँ जिससे हमें तुम्हारी स्वस्थ्य को लेकर बहुत चिंता हो रही थी , पत्र पढ़ कर अपना हाल-समाचार जरूर हमें बताना ताकि हम चिंता से मुक्त हो पाए । आगे हमें कहना हैं कि दुनिया कि रहन-सहन में कितना भी बदलाव क्यों न आ जाए मनुष्य को अपना मूल संस्कार कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि एक बात अटल सत्य हैं कि मनुष्य को एक-न-एक दिन सत्य के पास आना ही पड़ता हैं । आप तो अच्छी तरह से जानती हैं कि अनुशाशन ही देश , समाज अथवा परिवार को महान बनाता हैं जिसमें मूल रूप से मनुष्य के व्यवहार , रहन-सहन एवं शिष्टाचार शामिल रहता हैं । इसलिए आप अपने परिवार अथवा समाज में अच्छे व्यवहार बनाये रखना , हर बड़े छोटे का सम्मान करना । हाँ यह बात सत्य हैं कि अच्छे व्यवहार तभी स्थापित होता हैं जब सामने वाले भी सम्मान करता हो , लेकिन हम आपसे अनुरोध करेंगें कि आप अपने व्यवहार  में असमान्यता नहीं लाना, जहाँ तक संभव हो निभाते रहना , ये मत सोचना कि सामने वाले क्या कर रहे हैं आप हमेशा ये सोचना कि हमें क्या करना हैं । आगे परिवार में बड़े को प्रणाम तथ  छोटे को प्यार कहना , बाकी अपना ख्याल रखना और किसी भी प्रकार का तकलीफ हो हमें कहने में संकोच मत करना । 

                                                      आपका  जीवन साथी 

                                                      बैद्यनाथ कुमार 

 

 

 

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 5 . शोक पत्र ( इसके अंतर्गत किसी भी प्रकार के शोक हो सकते हैं , बस उसी कि सम्बंधित लिखना हैं)

(दोस्त के पत्नी के मौत पर शोक पत्र )

 

प्रिय मित्र                                                          दिनांक – 20/12/2022

मनोज कुमार                                                   (यह अपना पता लिखें , जहाँ से आप पत्र लिख रहे हैं)

हमें भावी के मौत के समाचार मिला जिसे सुनकर मन बहुत दुःख हुवा , लेकिन क्या करें ईश्वर के फैसले के सामने इन्सान बेवस हो कर रह जाता हैं और वही होता हैं जो नियति का रचा होता हैं , यदि हम सब का बस चलता तो भावी को मृत्यु के करीब बलकुल नहीं जाने देता। यहाँ भी सब बहुत दुःखी हैं , मैं बहुत जल्द आपके पास आने वाला हूँ आप अपने आप को संभाले रखना। और हम सब मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करेंगें कि उनकी आत्मा कि शांति मिले। बाकी आगे कोइ भी आदेश हो तो हमें कहने में संकोच नहीं कीजिएगा । 

                                                                           आपका मित्र 

                                                                           देवेंद्र कुमार 

 

 

 

6 . बधाई पत्र 

प्रिय रवि 

आपने इंटर कि परीक्षा में बहुत अच्छे नम्बर से पास हुए हो , जिसे जानकर हमें बहुत प्रसन्नता हुई और आपने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हो ये तो ओर हमारे लिए गौरव कि बात हैं , हम ईश्वर से कामना करते हैं कि आप आगे भी ऐसे ही सफलता प्राप्त करते रहे और  अगले वर्ग के नामांकन होने पर हमें जरूर बताना तथा पढ़ाई पुरे मन लगाकर करना। आगे सब समाचार ठीक हैं , सुना हैं कि आप तीसरे महीने में गांव आने वाले हैं, आना तो मुझसे जरूर मिलना और हमारे लायक कोई सेवा हो तो जरूर बताना ।

                                                                                     आपका मित्र

                                                                                      अभय कुमार  

 

 

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7 . विवाह में आमंत्रित करने के लिए पत्र 

(अपने भाई के शादी में अपने दोस्त को आमंत्रित करने के लिए पत्र )

प्रिय मित्र

बैद्यनाथ

मैं सकुशल हूँ और  ईश्वर से प्रार्थना करता आप सपरिवार कुशल होंगें। आगे कहना हैं कि मेरे बड़े बाई का विवाह दिनांक 05/01/2022 को तय हुई हैं। इस विवाह के शुभ अवसर पर आप और आपके सभी परिवार को आमंत्रित करता हूँ । आपसे अनुरोध करता हूँ विवाह के शुभ बेला में आप सब जरूर आयेंगें । अतः इस शुभ अवसर पर पधार कर अनुगृहित करें। 

आपका मित्र

धीरज कुमार

 

 

8 .  जन्म दिन के अवसर पर आमंत्रित पत्र 

 श्रीमान/श्रीमती ——-
अपार हर्ष के साथ आपको सूचित किया जाता हैं कि मेरे बड़े बेटे चि० आनंद कुमार का जन्मदिन 16 दिसंबर 2022 को मनाने जा रहे हैं जिसका शुभारंभ दिन के 3 बजे से किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर आपको सपरिवार आमंत्रित करते हैं। अतः आपसे निवेदन है कि इस शुभ अवसर पर पधार कर अनुगृहित करें।
                                                                                                                                 दर्शनाभिलाषी
                                                                                                                                 सूरज कुमार  
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(2) औपचारिक पत्र(Formal Letter):
जैसेकि आप समझ चुके हैं कि औपचारिक पत्र के अंतर्गत कौन- कौन सी पत्र आते हैं जिसके बारे में शुरू में ही बता दिया गया हैं । अब आप इसके उदाहरण को देखिए , इसके लिए पत्र लिखकर बताने जा रहे हैं जो निम्नलिखित हैं।
1 . अपने प्रधनाध्यापक के पास छुट्टी के लिए पत्र 
सेवा में ,
श्रीमान प्रधानाध्यापक महोदय ,
मध्य विद्यालय आनंदपुर(सुपौल)
(विषय – द्वारा वर्गाध्यापक)
महाशय
सविनय निवेदन यह हैं कि मेरे तबियत अचानक खराब हो गए जिसके वजह से मैं विद्यालय नहीं आ सकते हैं । इसलिए दिनांक 22/12/2022 से 26/12/2022 तक अपने वर्ग से अनुपस्थित रहूँगा । अतः श्रीमान से अनुरोध हैं कि हमें पाँच दिनों कि छुट्टी देने कि कृपा प्रदान कि जाए , इसके लिए श्रीमान का सदा आभारी रहूँगा ।
                                                                              आपका आज्ञाकारी छात्र 
                                                                              अभिषेक कुमार 
                                                                                                   वर्ग – आठवीं 
                                                                               क्रमांक – 03
दिनांक – 22/12/2022
2 . बीमारी के कारण परीक्षा नहीं दे सकने पर प्रधाना अध्यापक के पास एक पत्र :
सेवा में ,
श्रीमान प्रधानाध्यापक महोदय ,
श्री उच्य विद्यालय वसंतपुर(मधुबनी)
महाशय ,
सविनय मुझे यह कहना हैं कि मेरा वार्षिक परीक्षा आज ही के दिन 22/02/2023 को होने वाली थी लेकिन अचानक मेरा तबियत बहुत खराब हो गए जिसके कारण मैं परीक्षा में शामिल  नहीं हो पाऊंगा और जैसे ही मेरा तबियत ठीक होता हैं वैसे मैं विद्यालय में उपस्थित हो जाऊँगा । अतः श्रीमान से अनुरोध हैं कि हमारे इस प्रार्थना पत्र को स्वीकार करने कि कृपा करें , इसके लिए श्रीमान का सदा आभारी रहूँगा ।
                                                                                  आपका आज्ञाकारी छात्र
                                                                                 आशीष कुमार
                                                                                  वर्ग – 9
                                                                                  क्रमांक – 16
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3 .  बस यात्रा में कुछ जरूरी कागज भूल गए , इसके लिए नगर बस सेवा के लिए पत्र
सेवा में                                                                                                    दिनांक – 20/12/2022
श्रीमान ( ———— ) महोदय ,
दरभंगा बस नगर निगम , दरभंगा (बिहार)
 
महाशय , 
मेरा नाम  सुदीप कुमार  हैं, पिता का नाम ———- हैं । गाँव –  आनंदपुर , प्रखंड – शिवनगर , थाना – निर्मली  , पोस्ट – आजाद नगर , पिन – 847852 के स्थाई निवासी हूँ । सविनय मैं दिनांक 18/12/2022 को दरभंगा से अपने वास्तविक घर आनंदपुर के लिए बस यात्रा कर रहे हैं , जिसमें यात्रा के दौड़ान कुछ महत्पूर्ण कागजात भूल गए जो हमारे लिए बहुत जरूरी था । महोदय आपके पास नगर निगम के सभी बसों कि जानकारियां  इकठ्ठा हैं जिससे कारण हमें अपना कागज ढूढ़ने में बहुत आसानी हो जायेंगें । अतः आपसे प्रार्थना हैं कि हमारे कागज़ ढूढ़ने में मदद करें इसके लिए श्रीमान का सदा आभारी रहूँगा । 
                                                                  आपका विश्वाशभाजक 
                                                                   सुदीप  कुमार 
 
निष्कर्ष – दोस्तों Hindi Letter के अंतर्गत सभी प्रकार के पत्रों को शामिल किए हैं जिसे आप जरूर अध्ययन किए , हमें उम्मीद हैं कि दी गई जानकारियां आपके लिए बहुत महत्पूर्ण होंगें ।

 

इन्हें भी पढ़ें –

1 . Love Letter In Hindi 

2 . पत्र लिखने की शुरुआत कब हुई थी ? 

 

 

 

 

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