Kise kahate hain ( किसे क्या कहा जाता हैं ? “वर्णमाला से लेकर पत्र लेखन तक का अध्ययन” ) – Hindi Grammar

Kise kahate hain

किसे क्या कहा जाता हैं ? वर्ण से लेकर पत्र लेखन तक के सम्पूर्ण जानकारी – Hindi Grammar

परिचय – इस articles(पेज) में “किसे क्या कहा जाता हैं,किसे कहते हैं?” आदि  प्रकार के सभी प्रश्नो का उत्तर दी जा रही हैं जोकि हिंदी व्याकरण के सम्बंधित हैं  अर्थात उन सभी तरह के प्रश्नो को समावेश किया गया हैं जिसको समझने कि आवश्यकता हमेशा रहती हैं , जैसे कि आप संज्ञा के बारे में जानना चाहते हैं तो इसका प्रश्न बनेगा “संज्ञा किसे कहते हैं?” यदि संज्ञा को हटा दे तो बाकी रह जाता हैं Kise kahate hain और संज्ञा के स्थान पर कुछ भी हो सकते हैं इस प्रकार कई प्रकार के प्रश्न बन सकते हैं अतः इस पेज में उन विशेष प्रश्नों को समावेश किया गया हैं जो बहुत ही महत्पूर्ण हैं। 

 

Bhasha kise kahate hain

(भाषा किसे कहते हैं)

सबसे पहले भाषा को जानना जरूरी होता हैं क्योंकि भाषा के बिना विचारों को एक दूसरे के बिच में प्रस्तुत नहीं रख सकते हैं ।

भाषा क्या हैं – ऐसा माध्यम जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को एक दूसरे के बीच प्रस्तुत कर पाते हैं अर्थात जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को लिखकर या बोलकर व्यक्त करता है वही भाषा कहलाता है ।

यह अभिव्यक्ति का माध्यम होता है जिसमें मानव और इनके संबंधित अन्य जीव जैसी पशु पक्षी जानवर आदि ध्वनि एवं संकेतिक रूप से एक दूसरे की भावनाओं को समझ पाते और उनके अनुसार कोई क्रियाकलाप करते हैं जो एक भाषा का ही माध्यम होता है। मनुष्य अपने बीच में समायोजन करते ही हैं साथ में अन्य जीवो के साथ भी समन्वय स्थापित कर लेते हैं जैसे- बैल किसान की भाषा समझ जाते हैं तथा साथ में  कुत्ता बिल्ली गाय पक्षी(तोता) आदि भी अपने-अपने भाषा को समझते हैं।

भाषा की  विशेषताएँ – (i) वास्तविक रूप सी भाषा का सम्बन्ध मानव से है न कि किसी अन्य पदार्थ प्राणी पशु पक्षी आदि से ।

(ii) भाषा का संबंध होली से होता है जिसका कोई सार्थक अर्थ बनता हो ,संकेतों की भाषा नहीं कहा जा सकता है  भले ही मानव अपने दिनचर्या में  उपयोग क्यों न  करता हो ।

(iii) यह ऐसी व्यवस्था है जो कि एक दूसरे के अनुकरण और आवश्यकता से उत्पन्न होती है ।

 

*आप यहाँ  निम्नलिखित के बारे में जानकारी प्राप कर सकते हैं –

 1 . व्याकरण किसे कहते हैं ?

2 . वर्ण किसे कहते हैं ?

3 . स्वर किसे कहते हैं ?

4 . व्यंजन किसे कहते हैं ?

5 . वर्ग किसे कहते हैं 

6 . मात्रा किसे कहते हैं ?

7 . शब्द किसे कहते हैं ?

8 . वाक्य किसे कहते हैं 

9 . संज्ञा किसे कहते हैं ?

10 . सर्वनाम किसे कहते हैं ?

11 . क्रिया किसे कहते हैं ?

12 . लिंग किसे कहते हैं ?

13 . वचन किसे कहते हैं ?

14 . काल किसे कहते हैं ?

15 . समास किसे कहते हैं ?

16 . पर्यावाची शब्द 

17 . विपरीत शब्द 

18 . अनेका शब्द का एक शब्द 

19  . पत्र लेखन 

 

 

1 . व्याकरण किसे कहते हैं(vyakarn kise kahate hain) जिस शास्त्र या पुस्तक को पढ़ने से कोई भी भाषा शुध्य – शुद्ध  पढ़ना लिखना तथा बोलना आ जाए तो वह  व्याकरण कहलाता है । संसार में कई प्रकार के भाषाएँ हैं जिसके लिए अलग-अलग व्याकरण है अर्थात हर एक भाषा के लिए उसका व्याकरण आवश्य होता हैं । जैसे हिंदी भाषा के लिए हिंदी व्याकरण है तो अंग्रेजी भाषा के लिए अंग्रेजी व्याकरण है । व्याकरण के अंतर्गत ध्वनि, वर्ण , शब्द , मात्रा ,वाक्य आदि के बारे में अध्ययन किया जाता है जो बहुत जरूरी होता हैं और यह किसी भी भाषा के लिए प्राम्भिक ज्ञान होता हैं।

 

 

2 . वर्ण किसे कहते हैं(varn kise kahate hain) – 

ध्वनि के मूल इकाई को वर्ण कहा जाता है  या जिस वर्ण का उच्चारण स्वंग अपने आप हो तो वह वर्ण कहा जाता हैं और  वर्ण को अक्षर भी कहा जाता हैं ।

जैसे – अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ:

क , ख  , ग  , घ  ,  ङ

च  ,  छ ,  ज , झ , ञ

ट , ठ , ड , ढ , ण 

त , थ , द , ध , न

प , फ , ब , भ , म

य ,  र , ल , व , श , ष , स , ह , क्ष , त्र , ज्ञ , श्र और साथ में ड़ , ढ़ , हैं।

वर्ण के दो भेद होते हैं (i) स्वर वर्ण और  (ii) व्यंजन वर्ण ,  जिसके बारे में नीचे व्याख्या की गई है। 

 

3 . स्वर किसे कहते हैं(swar varn kise kahate hain) – जिस वर्ण का उच्चारण करते समय किसी अन्य वर्ग का सहायता लेना न पड़े तो वह  स्वर वर्ण कहलाता है । 

जैसे – अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ए  , ऐ , ओ , औ , ऋ । 

 

 

4 . व्यंजन किसे कहते हैं(vyanjan varn kise kahate hain) – वर्ण का उच्चारण करते समय अन्य वर्ण का सायता लेना पड़े तो वह व्यंजन वर्ण कहलाता है। 

स्वर वर्ण को छोड़कर बाकी को व्यंजन वर्ण कहा जाता हैं जैसे-  कवर्ग – क , ख , ग , घ , ङ हैं इसीप्रकार चवर्ग,टवर्ग,तवर्ग,प वर्ग, और य , र , ल , व , ड़ , ढ़ व्यंजन वर्ण हैं । 

 

 

5 . वर्ग किसे कहते हैं (varg kise kahate hain ) –   इसे वर्ग या स्पर्श वर्ण कहा जाता हैं  जिसमें पाँच-पाँच व्यंजनों का एक – एक वर्ग होता हैं जैसे आप क , ख , ग से लेकर प फ ब भ तक लिखते हैं जिनमें क , ख , ग ,  घ ,  ङ को एक वर्ग के रूप में समझा जाता हैं जिसे कवर्ग कहा जाता हैं मतलब “क” एक वर्ग हैं “ख” एक वर्ग हैं और आगे भी जो वर्ण आता हैं वह भी एक वर्ग हैं इसी प्रकार प फ से लेकर त थ द को भी एक वर्ग हैं परन्तु यदि कहा जाय की कवर्ग क्या हैं तो इसका जबाब क, ख , ग , घ , ङ होगा और यह पवर्ग तक आता हैं । 

 

 

6 . मात्रा किसे कहते हैं (Matra kise kahate hain) –वर्ण को उच्चारण करने में जो समय  लगता हैं वह मात्रा कहलाता हैं , जिसकी संख्या 13 हैं जो स्वर्ण होता हैं अर्थात मात्रा स्वर वर्ण का होता हैं और आप स्वर वर्ण को भली भाँति जानते हैं जो निम्न हैं – 

अ का मात्रा नहीं होता हैं 

आ का मात्रा ा होता हैं ,

इ –   ि

ई –   ी 

उ –   ु

ऊ –  ू

ए –   े 

ऐ –   ै 

ओ –   ो

औ –   ौ

ऋ –   ृ

और साथ में अं , अ: भी आता हैं जिसमें अं का   ं तथा  अ: का : होता हैं । अतः आप मात्रा के बारे में समझ गए होंगें और यह जब किसी व्यंजन वर्ण के साथ मिलता हैं तो अक्षर का निर्माण होता हैं जैसे – को , कु , हो , मू , कै , जै तौ आदि और वाक्य में कुमार , रवीश , धनिक , हौसला , मौसम , सोहर , सोलर अमूल आदि होगा ।

 

 

 

7 . शब्द किसे कहते हैं (shabd kise kahate hain) 

वर्णो  के सार्थक मेल को शब्द कहा जाता है जैसे – आकाश , पुजारी , पुष्पा , आशा , अनीता , कविता , अरमान , वैसाखी , अभिलाषा  , नकुल , आजाद आदि शब्द हैं जिसमें वर्णो का मेल हुवा हैं हम एक उदाहरण से समझ लेते हैं बाकी सभी समझ में आ जायेंगें , जैसे –  अभिलाषा इसमें अ , भ , इ , ल , आ , ष , आ वर्ण का मेल हुवा हैं और यह कैसे हुवा हैं इसे भी समझ लेते हैं – अभिलाषा = अ + भ +  इ +  ल + आ + ष + आ ।

 

 

8 . वाक्य किसे कहते हैं(vakya kise kahate hain)  – शब्दों के सार्थक मेल को वाक्य कहा जाता हैं जैसे – राध बहुत सूंदर लड़की हैं , वह विद्यालय जाता हैं , मैं घर जाता हैं , हम  अपना काम खुद करते हैं , वह अच्छा लड़का हैं , श्याम घर जाता हैं , राहुल बहुत अच्छा काम करता हैं आदि जो शब्दों से मिलकर बना हैं । 

 

 

 

9 . संज्ञा किसे कहते हैं ( sangya kise kahate hain) – 

जिससे किसी वस्तु व्यक्ति या स्थान के नाम का बोध हो तो वह संज्ञा कहा जाता है ।

जैसे – श्याम , अमर , अर्जुन , पटना , कोलकाता , अजगर , कर्नाटिका , कलम , किताब , अमरुद , बिल्ली , हाथी आदि ।

 

संज्ञा के भेद (sangya ke bhed) – 

संज्ञा पाँच प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित है-

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा- जिससे किसी खास वस्तु व्यक्ति या स्थान के नाम का बोध हो तो वह व्यक्ति वाचक संज्ञा कहा जाता है । 

जैसे – अमर , अमन , दिलचंद , मुम्बई , दरभंगा ,  कुर्सी , पेंसिल , दवात , आदि ।

 

  • जातिवाचक संज्ञा- जिससे जाति भर का  का बोध हो तो वह जातिवाद संज्ञा कहलाता हैं ।

जैसे – लड़की , मानव  , लोमड़ी ,  कौवा , लड़का आदि ।

 

  • समूहवाचक संज्ञा-  जिससे समूह भर का बोध हो तो  वह समूहवाचक संज्ञा कहा जाता है ।

जैसे – सेना , वर्ग , मेला , गुच्छा  आदि ।

 

  • भाववाचक संज्ञा- जिससे किसी वस्तु व्यक्ति के गुण , दोष ,  धर्म , स्वभाव , आचरण , आदि का बोध हो तो वह भाववाचक संज्ञा कहा जाता हैं । 

जैसे – अच्छा , बुरा , ईमानदार , बचपना , बुढ़ापा आदि । 

 

 

  

10 . सर्वनाम किसे कहते हैं (sarvanam kise kahate hain) – 

संज्ञा के बदले में जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है वह सर्वनाम कहलाता है ।

जैसे – मैं , तुम , आप , वे , वह आदि ।

 

सर्वनाम के भेद(sarvanam ke bhed) –  सर्वनाम के प्रमुख 6 भेद हैं जो निम्नलिखित  है ।

 

  • पुरुषवाचक सर्वनाम- प्रथम पुरुष ,  मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष को पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है । 

जैसे – मैं , हमलोग , तुम , तुमलोग , वह , उसने , वे लोग ।

 

पुरुष वाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं 

  • उत्तम पुरुष – बोलने वाले को उत्तम पुरुष या प्रथम पुरुष कहा जाता है।

जैसे – मैं , हमलोग ।

 

  • मध्यम पुरुष –  सुनाने वाले वाले को मध्यम पुरुष कहा जाता है ।

जैसे – तुम , तुमलोग ।

 

  •  अन्य पुरुष- जिसके बारे में कुछ कहा जाए वह अन्य पुरुष कहलाता है।

जैसे – वह , वेलोग ।

 

  •  निश्चयवाचक सर्वनाम जिससे निश्चित वस्तु व्यक्ति  स्थान के नाम का बोध हो तो वह निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है ।

जैसे – पटना , दिल्ली , मध्यप्रदेश , अमर , देवेंद्र । 

 

  •  अनिश्चयवाचक सर्वनामजिससे अनिश्चितता का बोध  हो तो वह अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता है ।

जैसे – वह कब आया , अमर कभी भी जा सकता हैं , वह आने वाला हैं आदि ।

 

  • संबंधवाचक सर्वनाम- जो संज्ञा या अन्य शब्द के साथ समुद्र शापित करता हो तो उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहा जाता है 

जैसे – जैसे को तैसा , जो आया सो गया ।

 

  •  प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न करने के लिए किया जाता हो तो वह प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाता है ।

जैसे – कौन , क्या , कैसे , किसको आदि ।

 

  • निजवाचक सर्वनाम जिससे निजता( अपना पन)  का बोध हो तो वह निजवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं ।

जैसे – वह मेरा घर हैं , यह हमारा कार हैं , यह कलम हमारी हैं ।

 

11. क्रिया किसे कहते हैं (kriya kise kahate hain) :

जिस शब्द से  किसी कार्य के होने का बोध हो तो वह  क्रिया कहलाता है या जिससे कार्य का संपादन हो तो वह क्रिया कहा जाता है ।

जैसे – खाना , पढ़ना , बोलना , चलना , हारना , टहलना आदि ।

 

 क्रिया के तीन भेद होते हैं जो निम्नलिखित है – 

1.अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में कर्म लगा नहीं होता है तो वह अकर्मक क्रिया कहलाता है ।

जैसे – वह खाता हैं , अमर पढता हैं , मैं खेलता हूँ आदि ।

 

2.सकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में कर्म लगा होता है तो वह सकर्मक क्रिया कहलाता है । 

जैसे – वह पटना जाता हैं , मैं घर जाता हूँ , राधा खाना बनाती हैं आदि ।

 

3.द्विकर्मक क्रिया –जिस सकर्मक क्रिया के दो क्रिया होते हैं उन्हें  द्विकर्मक क्रिया कहा जाता हैं । 

जैसे – श्याम ने राम को कलम दी हैं ।

 

 

12. लिंग किसे कहते हैं ?

संज्ञा के जिस रुप से किसी वस्तु या पदार्थ की जाति का पता चले तो वह लिंक कहा जाता है लिंक निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं । 

  • स्त्रीलिंग
  •  पुलिंग   

तथा एक  नपुंसक लिंग होता हैं , लेकिन मूल रूप से दो ही लिंग होते हैं नपुंसक लिंग को हिंदी व्याकरण में लिंग नहीं माना जाता है लेकिन आवश्यकतानुसार जिसको प्रयोग में ले लिया जाता है 


  • स्त्रीलिंग- जिससे स्त्री जाति का बोध हो तो वह स्त्रीलिंग कहा जाता है । 

जैसे – लड़की , माँ , बेटी , पत्नी 

  •  पुलिंग- जिससे पुरुष जाति का बोध हो तो वह पुल्लिंग  कहा जाता है ।

जैसे – लड़का , राजा , बालक , पिता , बेटा ।

 

  • नपुंसक लिंग- जिससे ना स्त्री जाति का बोध हो और न पुरुष  जाति का बोध हो तो वह नपुंसकलिंग कहलाता है ।

 

 

13 . वचन किसे कहते हैं ( vachan kise kahate hain) 

संख्या को वचन कहा जाता है ।

 

वचन दो प्रकार के होते हैं 

1 एकवचन-   जिससे एक संज्ञा का बोध हो तो वह वजन कहलाता है । 

जैसे – कुत्ता , बिल्ली , कलम , हिरण आदि 

2 बहुवचन-  जिसे एक से अधिक संज्ञा का बोध हो तो  बहुवचन कहलाता है ।

जैसे – कुत्ते । बिल्लियां , कलमें , हथियाँ आदि ।

 

 

14. काल किसे कहते हैं (kal kise kahate hain) 

समय के अनुसार क्रिया के रूप में परिवर्तन को काल  कहा जाता है .

काल के तीन भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं –

1 वर्तमान काल –  जिससे वाक्य से वर्तमान समय का बोध हो तो वह वर्तमान काल कहा जाता हैं ।

जैसे – मैं पढता हूँ , वह जाती हैं , बिल्ली मांस खाती हैं आदि ।

 

2 भूतकाल –  जिस वाक्य से बीते हुए समय का बोध हो तो वह भूतकाल कहा जाता हैं ।

जैसे – मैं स्कूल जाता था ।

 

3 भविष्य काल – आने वाले समय को भविष्य काल कहा जाता हैं ।

जैसे – मैं खाऊंगा , वह पढ़ेगा , श्याम जाएगा आदि ।

 

 

15 . समास किसे कहते हैं ( samas kise kahate hain) :

दो या दो से अधिक पदों को मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है वह समाज का होता है 

जैसे – राजपुत्र , लम्बोदर , राजमहल आदि ।

 

16 . पर्यावाची शब्द :

अर्थ कि  समानता वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है पर्यायवाची शब्द को समान अर्थ वाले या प्रति शब्द भी कहते हैं 

जैसे – अग्नि  के पर्यायवाची शब्द  आग,  पावक , दहन ,  ज्वाला ,  आनंद , अनल हैं । 

इसी प्रकार अमृत – पीयूष सुधा अमिया 

आंख – नेत्र लोचन नया  

गणेश- लंबोदर गजबान विनायक गणपति गौरी सूत्र.

गंगा- देवनदी भागीरथी विष्णुपद  

 

 

17. विपरीत शब्द

किसी शब्द के उल्टा अर्थ रखने वाले शब्दों को विपरार्थक शब्द कहा जाता हैं जिसे  विलोम शब्द भी कहते हैं ।

जैसे – दिन – रात 

गरीब – अमीर 

फूल – कांटा 

आग – पानी आदि ।

 

18 . अनेकार्थक शब्द –

जिस शब्द के एक से अधिक अर्थ होते हैं वह अनेकार्थक शब्द कहलाते हैं ।

जैसे – अर्थ – अभिप्राय , धन , कारण ।

अंक – संख्या , चिन्ह , गोद , संकेत आदि ।

 

 

19 . पत्र लेखन 

पत्र लेखन एक बहुत बड़ी कला हैं जो अपने विचारों एवं आवश्यकता को एक पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं और अपने सगे सम्बन्धियों के पास भेजते हैं । पत्र कई प्रकार के होते हैं हम प्रकारों के बारे में बात नहीं करेंगें  सिर्फ एक पत्र लिख रहे हैं जिससे पता चल जायेंगें की पत्र किस प्रकार लिखा जाता हैं ।

अपने पिता के पास एक पत्र लिखें जिसमें किताब खरीदने के लिए कुछ पैसे की मांग हो ।

 

पूज्य पिताजी,                                                                                              श्री महाराणा प्रताप मध्य विद्यालय (दरभंगा ) 

सादर प्रणाम ।

मैं सकुशल हूँ , आशा करता हूँ की आप सब भी अच्छे हंगें ,  आगे समाचार यह हैं की हमारी सातवीं की वार्षिक परीक्षा समाप्त हो चुकी हैं और आगे आठवीं वर्ग के लिए हमें नए पुस्तक की अत्यंत आवश्यकता हैं अतः पिता जी से प्राथना हैं की जितना जल्दी हो सके 1000 रूपये भेजने की कृपा करें इसके लिए पिता जी की सदा आभारी रहूँगा , और माँ को मेरा प्रणाम कहना तथा छोटे को प्यार भरा स्नेह । 

                                                आपका आज्ञाकारी पुत्र 

                                               अमोद कुमार 

                                                वर्ग – आठवीं ।

 

पता – अभय यादव 

गांव – नीरजगंज 

जिला – मधुबनी 

पोस्ट – मधेपुर ,

पिन – 847408

 

इन्हें भी पढ़ें – 1 वर्णमाला किसे कहते हैं ।

2 aa की मात्रा वाले वाक्य ।

3 बड़ी ई की मात्रा वाले शब्द 

4 भाषा की उत्पति कैसे हुई ?

 

 

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