akarmak kriya , akarmak kriya kise kahate hain (अकर्मक क्रिया क्या होती हैं – परिभाषा एवं उदाहरण ।)

akarmak kriya , akarmak kriya kise kahate hain (अकर्मक क्रिया क्या होती हैं,परिभाषा एवं उदाहरण) – हिंदी व्याकरण :

परिचय – आप क्रिया के बारे में आवश्यक जानते होंगें फिर भी याद दिला दें कि जिस शब्द से किसी कार्य के होने का बोध हो तो वह क्रिया कहा जाता हैं या जिसके द्वारा कार्य का संपादन होता हैं वह क्रिया कहलाता हैं ये तो रही क्रिया की परिभाषा लेकिन हमें अकर्मक क्रिया के बारे में जानकारी चाहिए ,तो इसके लिए क्रिया के भेद के बारे में जानना होगा क्योंकि ‘अकर्मक क्रिया’ क्रिया का ही एक प्रकार हैं यदि आप क्रिया के भेदों को समझ लेंगें तो अकर्मक क्रिया अथवा सकर्मक क्रिया सभी के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेंगें , लेकिन अभी सिर्फ akarmak kriya के बारे में जानेंगें और समझेंगें । akarmak kriya kise kahate hain बिलकुल आसान भाषा में समझें तो जिस हिंदी क्रिया के वाक्य में कर्म नहीं लगा हो तो वह अकर्मक क्रिया कहा जाता हैं

akarmak kriya kise kahate hain

अकर्मक क्रिया क्या होती हैं (akarmak kriya kya hoti hai) – 

यदि क्रिया का फल कर्त्ता पर पड़ता हैं तो वह अकर्मक क्रिया कहलाते हैं या जिस हिंदी क्रिया के वाक्य में कर्म नहीं लगा हो तो वह अकर्मक क्रिया कहा जाता हैं अर्थात ऐसे क्रियाएं जिसमें कर्म नहीं लगा रहे तो वह अकर्मक क्रिया कहे जायेंगें , इसको अच्छी तरह से समझने के लिए शायद आपको कर्म के बारे में जानना जरूरी हो सकता हैं इसलिए हम कर्म को भी समझते हैं कि कर्म क्या होता हैं और साथ में ये भी समझेंगें कि क्रिया के वह कौन सा भेद हैं जिसे अकर्मक क्रिया के अंतर्गत रखा जाता हैं। इन सब बातो को जानने से पहले अकर्मक के कुछ उदाहरण को देख लेते हैं जो निम्नलिखित हैं ।

जैसे- वह पढता हैं ।

रमेश जाता हैं ।

गणेश टहलता हैं ।

वह खाती हैं ।

राधा गाती हैं।

श्याम दौड़ता हैं ।

शाक्षी लेख लिखती हैं आदि अकर्मक क्रियाएं हैं,जिस वाक्यों में कर्म नहीं लगा हैं ।

 

आपको पता होना चाहिए किसी भी प्रकार के क्रियाओं से बने वाक्य में कर्त्ता,क्रिया और कर्म होते हैं लेकिन जब वाक्य में कर्म नहीं लगा हो तो अकर्मक हो जाता हैं और यदि कर्म लगा हो तो सकर्मक हो जाता हैं।

जैसे- वह घर जाता हैं। इस वाक्य में ‘वह’कर्त्ता हैं ‘जाना’ क्रिया हैं तथा ‘घर’ कर्म हैं ,जिसे अंग्रेजी-subject(कर्त्ता),verb(क्रिया)और object(कर्म) कहा जाता हैं।

जैसे कि बता चुके हैं कि अकर्मक क्रिया,verb(क्रिया) के ही भेद हैं इसलिए इसके भेद के बारे में भी जान लेना जरूरी होता हैं,परिभाषा तो दे चुके हैं अब सिर्फ इनके भेदों को जानते हैं। हिंदी व्याकरण के अनुसार कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं जो (i)सकर्मक क्रिया(transitive verb) तथा (ii) अकर्मक क्रिया(intransitive verb) जिसकी व्याख्या निचे कि जा रही हैं ।

(i)सकर्मक  क्रिया-(transitive verb)  यदि क्रिया का फल कर्त्ता(subject) पर नहीं पड़ता हो किसी अन्य वस्तु पर पड़ता हो तो वह सकर्मक क्रिया कहा जाता हैं। जैसे- श्याम रोटी खाता हैं ,इस वाक्य में क्रिया का फल रोटी पर पड़ रहा हैं दूसरा वाक्य – रमेश विद्यालय जाता हैं , इस वाक्य में क्रिया का फल कर्त्ता पर न पड़के विद्यालय पर पड़ रहा हैं क्योंकि कर्त्ता विद्यालय जाता हैं और इस वाक्य में कर्त्ता  रमेश हैं , कर्त्ता जाना हैं तथा ‘विद्यालय’ कर्म हैं। इसी तरह वह पुस्तक लिखता हैं,अर्जुन बाण चलाता हैं,आकाश घर जाता हैं ,आदित्य किताब पढता हैं,दीपेश खाना खाता हैं , राधा मंदिर जाती हैं आदि सकर्मक क्रिया हैं।

(ii) अकर्मक क्रिया(intransitive verb) – यदि क्रिया का फल कर्त्ता पर पड़े तो वह अकर्मक क्रिया कहा जाता हैं अर्थात इस प्रकार के क्रियाओं से बने वाक्य में कर्म नहीं लगा होता हैं।

जैसे- वह जाता हैं ।

वह सोता हैं ।

राजू बोलता हैं ।

आदिल दौड़ता हैं आदि अकर्मक क्रिया हैं ।

 

अकर्मक क्रिया के भेद( akarmak kriya ke bhed) :

इनके दो भेद होते हैं जो निम्न हैं –

(1) पूर्ण अकर्मक क्रिया – जो क्रिया अवस्था और गति के बारे में बताता हो तो वह पूर्ण अकर्मक क्रिया कहा जाता हैं । 

जैसे – लड़के रो रहे हैं ।

वह घर जा रहे हैं ।

रमेश दौड़ रहा हैं ।

वह चल रहा हैं आदि ।

(2) अपूर्ण अकर्मक क्रिया – जिसमें कर्त्ता कि प्रधानता को प्रदर्शित करने के लिए पूरक शब्दों की सहायता लेना पड़े तो वह अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहा जाता हैं ।

जैसे – राधा बहुत सूंदर लड़की हैं । यदि इस वाक्य में सूंदर को हटा दिया जाए तो वाक्य असमान्य हो जाता हैं  ।

मेरा दोस्त बहुत ईमानदार हैं ।

राहुल चोर हैं आदि ।

 

 

अकर्मक क्रिया कैसे पहचाने( akarmak kriya ko kaise pahchane) 

अकर्मक क्रिया को पहचानते समय आपको ये ध्यान देना हैं कि इसके क्रियाओं में कर्म नहीं लगा होता हैं यदि कर्म लगा होगा तो वह सकर्मक क्रिया हो जायेगा और दूसरी तरीका यह हैं कि यदि वाक्य के क्रिया से पहले प्रश्न वाचक शब्द लगा हो और उसका सटीक उत्तर मिलता हैं तो वह क्रिया सकर्मक हो जाती हैं तथा यदि कोई सटीक उत्तर न मिले तो वह अकर्मक क्रिया होती हैं । जैसे – वह खाता हैं, इस वाक्य में कोइ सटीक उत्तर नहीं मिल रहा हैं कि कर्त्ता क्या खाता हैं कुछ पता नहीं हैं कि वह क्या खा रहा हैं अतः यह अकर्मक हैं लेकिन यह कहा जाए कि वह आम खाता हैं तो इसमें सटीक उत्तर मिलता हैं कि वह आम खाता हैं जो कि आम कर्म हैं इसलिए इसे सकर्मक क्रिया कहा जाता हैं । इस प्रकार आप अकर्मक क्रिया कि पहचान कर सकते हैं।

 

 

अकर्मक क्रिया के उदाहरण(akarmak kriya ke udaharan):

अनीष हँसता हैं । 

वह खेलता हैं ।

राकेश बोलता हैं ।

मैं खाता हूँ ।

मैं जानता हूँ  ।

हमलोग पढ़ते हैं ।

मोहन आता हैं ।

गाय चरती हैं ।

गीता गाती हैं ।

वह जाता हैं ।

अर्जुन आता हैं ।

रवीना नाचती हैं ।

अलका रोती हैं ।

नेहा पढ़ती हैं ।

अरुण सोता हैं ।

गोविन्द चलता हैं ।

प्रदीप सोता हैं । 

रौशन डरता हैं ।

ललित जगता हैं ।

अनिल  ठगता हैं ।

दीपिका हँसती हैं।

 

इन्हें भी पढ़े –1 काल किसे कहते हैं ?

 2 हिंदी वर्णमाला क्या हैं ?

 3 क्रिया विशेषण किसे कहते हैं ?

 

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