Mishrit vakya , मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण के साथ ।

 

Mishrit vakya मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं उदाहरण के साथ – 

मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं-ऐसा वाक्य जिसमें एक सरल वाक्य के साथ उसका ‘अंग’वाक्य भी हो तो वह मिश्रित वाक्य कहा जाता हैं ‘मिश्रित’ का मतलब होता हैं मिला हुवा और अंग से तात्पर्य हैं सरल वाक्य से सम्बन्ध रखने वाला वाक्य जो आपस में संतुष्ट करती हो । दूसरे शब्दों में जब किसी वाक्य में एक साधारण वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोइ दूसरा उपवाक्य भी हो तो वह मिश्रित वाक्य कहा जाएगा,एक वाक्य को दूसरे वाक्य के अधीन होने का तात्पर्य यही होता हैं कि एक वाक्य दूसरे से दूसरे वाक्य के बिना अधूरा लगें मतलब कि दोनों वाक्यों का ऐसा सम्बन्ध जो एक दूसरे वाक्य को करीब लता हो।

 

 

Mishrit vakya

मिश्र वाक्य के उदहारण (mishra vakya ke udaharan) :

हम जानते हैं कि रचना कि दृष्टि से वाक्य के तीन भेद होते हैं और इन तीनों भेद में से एक भेद हैं ‘मिश्रित वाक्य’ जिसके बारे में ही हमें समझना हैं जिसका व्यख्या ऊपर कर चुके हैं अब हम इन्हें उदाहरणों से समझते हैं क्योंकि इसे उदाहरणों के साथ ही अच्छी तरह से समझा जा सकता हैं।

वाक्य के वह तीनों भेद हैं– 

1 मिश्रित वाक्य 

2 सरल/साधारण वाक्य 

3 संयुक्त वाक्य 

 

मिश्रित वाक्य का उदाहरण :

1 यह वही भूमि हैं जहाँ महाराणा प्रताप सिंह रहते थे – इस सम्पूर्ण वाक्य में पहला वाक्य-‘यह वही भूमि हैं’हैं जो प्रधान वाक्य हैं तथा दूसरा वाक्य ‘जहाँ महाराणा प्रताप सिंह रहते थे’ यह सहायक उपवाक्य हैं और स्पष्ट होता हैं कि दूसरा वाक्य पहला वाक्य का ‘अंग’ हैं या एक वाक्य दूसरे वाक्य के अधीन हैं वाक्यों को पढ़कर हम समझ सकते हैं कि दोनों वाक्य एक दूसरे से किस प्रकार सम्बन्ध स्थापित कर रहे हैं अतः इस प्रकार के वाक्य को मिश्रित वाक्य कहा जाता हैं एक बात ध्यान देने वाली हैं कि सहायक उपवाक्य अपने में पूर्ण या सार्थक नहीं होते हैं दोनों वाक्य मिलकर ही सम्पूर्ण सार्थक होते हैं।

 

2 वह वही स्थान हैं जहाँ महाभारत का युद्ध हुवा था- यह एक मिश्रित वाक्य हैं ‘वह वही स्थान हैं’ प्रधान वाक्य हैं तथा ‘जहाँ महाभारत का युद्ध हुवा था’ यह सहायक उपवाक्य हैं और दोनों मिलकर ही एक सम्पूर्ण सार्थक वाक्य बनते हैं जिसे मिश्रित वाक्य हैं।

 

 

3 यह वही शहर हैं जहाँ वीर शिवजी का जन्म हुवा था – इस वाक्य में ‘यह वही शहर हैं’ यह प्रधान वाक्य हैं तथा जहाँ वीर शिवजी का जन्म हुवा था सहायक उपवाक्य हैं और दोनों मिलकर एक मिश्रित वाक्य का निर्माण करते हैं।

 

4 यह वह प्यारा धरती जहाँ श्री कृष्ण का जन्म हुवा था- यह एक मिश्रित वाक्य हैं जो एक वाक्य दूसरे वाक्य के ‘अंग’ हैं ।

 

इन्हें भी पढ़ें – वाक्य किसे कहते हैं परिभाषा भेद एवं उदाहरण ।

 

Mishrit vakya

 

अब अन्य दोनों भेदों को भी समझ लेते हैं: 

2 साधारण वाक्य- 

ऐसे वाक्य में एक ही क्रिया होती हैं और इसमें एक उद्देश्य तथा एक को विधेय कहा जाता हैं । उद्देश्य कर्ता को कहा जाता हैं और कर्ता के बारे में जो कहा जाए वह विधेय कहा जाता हैं।

जैसे – नितिन जाता हैं ।

श्याम खाता हैं ।

वह पढ़ती हैं , आदि ।

 

 

 

3 संयुक्त वाक्य – ऐसे वाक्य जो दो या दो से अधिक प्रधानउपवाक्यों बना हो तो वह संयुक्त वाक्य कहा जाता हैं जो स्वतंत्र रूप से अलग-अलग अर्थ रखते हैं। अर्थात सरल तथा मिश्र वाक्य का मेल जब संयोजक अव्यवों द्वारा जोड़ा जाता हैं तो वह संयुक्त वाक्य कहा जाता हैं । 

1 मैं अपना काम कर रहा था कि तबियत खराब हो गया और काम नहीं कर पाया ।

2 मैं खेल रहा था कि हमारे पेट में दर्द होने लगा दर्द इतना बढ़ा कि खेल नहीं पाया ।

 

 

वाक्य विश्लेषण :

वाक्य में अव्यवों को अलग-अलग करना और उनके पारस्परिक सम्बन्ध दिखलाना वाक्य विश्लेषण कहा जाता हैं। जिसे वाक्य विग्रह, वाक्य विभाजन,तथा वाक्य पृथीकरण भी कहते हैं।

 

इसके लिए तीन बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता हैं जो निम्न हैं –

1 वाक्य से उपवाक्य को अलग करना 

2 उपवाक्य का नामकरण करना 

3 पुरे वाक्य का नामकरण करना 

 

 

वाक्य विश्लेषण के प्रकार:

यह दो प्रकार के होते हैं – 

1 वाक्य के सभी अंगों को ‘तालिका’ बनाकर उद्देश्य या विधेय के अधीन रखकर दिखाना, सरल वाक्य का विश्लेषण इसी प्रकार किया जाता हैं ।

2 केवल उपवाक्यों को अलग – अलग करके उनके पारस्परिक सम्बन्धो को बतलाना ।

 

सहायक उपवाक्यों का भेद :

1 संज्ञा उपवाक्य 

2 विशेषण उपवाक्य 

3 क्रिया विशेषण उपवाक्य 

 

व्याख्या – 

1 संज्ञा उपवाक्य- वह उपवाक्य जो प्रधान उपवाक्य के संज्ञा के रूप में सहायता करें वह संज्ञा उपवाक्य कहे जाते हैं ।

 

2 विशेषण उपवाक्य-जो उपवाक्य किसी दूसरे उपवाक्य में आकर संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता  हो तो वह विशेषण कहा जाता हैं । पुरे वाक्य में वही काम होता हैं जो साधारण वाक्य में किसी विशेषण में होता हैं।

जैसे – वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था बीमार हैं इस वाक्य में वह विद्यार्थी बीमार हैं – प्रधान उपवाक्य हैं तथा जो कल अनुपस्थित था विशेषण उपवाक्य हैं जो विद्यार्थी की विशेषता बतलाता हैं। यह जरूरी भी नहीं होता हैं की विशेषण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य में आये हुए ही किसी शब्द की विशेषता प्रकट करें। यह अन्य उपवाक्य में आये हुए शब्दों की भी विशेषता प्रकट करता हैं।

जैसे – मैंने कहा कि तुमने यह कलम खरीदी हैं जो बाजार में सबसे सस्ती हैं।

इस वाक्य में मैंने कहा- प्रधान उपवाक्य ।

कि तुमने यह कलम खरीदी हैं – संज्ञा उपवाक्य  ‘कहा’ क्रिया का कर्म ।

जो बाजार में सस्ती हैं विशेषण उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य में आये ‘कलम’ शब्द विशेषता बताती हैं । कभी – कभी जो के स्थान पर जैसे – ‘जितना’  ‘इत्यादि’  ‘ज’ वाले शब्द आते हैं ।

 

 

 

Mishrit वाकया 

 

3 क्रिया विशेषण उपवाक्य- जो उपवाक्य किसी क्रिया के विशेषता बतलावे उन्हें क्रिया विशेषण उपवाक्य कहा जाता हैं । ये उपवाक्य क्रिया के समय , स्थान , कारक, प्रयोजन ,परिमाण , आदि बताते हैं इनका आरम्भ – जब, जहाँ , क्योंकि , जिससे , अतः , अगर , यद्यपि , चाहे , जो , त्यों , मानों , इत्यादि से होता हैं ।

जैसे – जब वर्षा होगी तो खेत जोत डालना ।

मैं रोटी नहीं खाऊंगा , क्योंकि पेट में अधिक दर्द हैं ।

राम ने कठिन परिश्रम किया , अतः परीक्षा में पास हुवा ।

जैसे-जैसे मैं बोलूंगा वैसे – वैसे तुम लिखों ।

 

 

 

इन्हें भी पढ़ें – वाक्य तथा उपवाक्य में क्या अंतर हैं ।

 

Leave a Comment