Viram chinh , विराम चिन्ह किसे कहते हैं इसका प्रयोग क्यों होता हैं – Viram chinh in hindi ,

 

Viram chinh (विराम चिन्ह किसे कहते हैं):

Viram chinh in hindi-

कोइ भी भाषा क्यों न हो जब तक उसमें शुध्यता या शार्थकता नहीं होती हैं तब तक उसे बोलने तथा सुनने में बहुत असमान्य या अटपटा सा लगता हैं उसे बोलने में भी बिलकुल रुचि नहीं आती हैं। इतना तो आवश्य जानते हैं कि हिंदी भाषा को शुद्ध – शुद्ध लिखने पढ़ने के लिए हिंदी व्याकरण को पढ़ना अति आवश्यक होता हैं लेकिन व्याकरण में पढ़ने के लिए सबसे जरूरी हैं  तो वह हैं – विराम चिन्ह जो किसी भी वाक्यों को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं इसके प्रयोग से ही किसी वाक्य का भाव स्पष्ट होता हैं लेखक या वक्ता क्या कहना चाहता हैं यदि उचित चिन्हों का प्रयोग नहीं किया गया तो 

 वाक्यों का भाव समझ में नहीं आती हैं समझने में कठिनाई होती हैं अर्थ का अनर्थ बन जाते हैं कहना कुछ और चाहते हैं परन्तु विराम चिन्ह के बिना मतलब कुछ बन जाते हैं।

 

Viram chinh  

Viram chinh in hindi

विराम चिन्ह क्या होता हैं – विराम का अर्थ होता हैं ‘ठहराव‘ या ‘रुकना’ होता हैं । पद ,वाक्यों , वाक्यांशों को पढ़ते समय विचारों को स्पष्ट करने के लिए बिच-बिच में थोड़ा ठहर जाते हैं इसी ठहराव को व्याकरण में विराम कहा जाता हैं और वाक्यों को लिखने में भावों को स्पष्ट करने के लिए कुछ चिन्ह निर्धारित होते हैं उन्हें ‘विराम-चिन्ह’ कहते हैं इसके प्रयोग से लेखक के भाव स्पष्ट होता हैं चिन्हो का उचित प्रयोग नहीं करने पर भाव असमान्य हो जाता हैं हिंदी के विराम चिन्ह पूर्ण विराम हैं और बाकी अंग्रेजी के सभी विराम चिन्ह हिंदी में भी प्रयोग किये जाते हैं ।

 

विराम-चिन्ह के आवश्यकता को समझने के लिए निचे के वाक्यों को देखिए –

1 सोचो मत , पढ़ो ।

2 सोचो , मत पढ़ो । 

इन  दोनों वाक्यों पढ़ के देखिए एक चिन्ह के कारण कैसे वाक्य के मतलब बदल जाते हैं  पहला वाक्य में सोचने के लिए मना किया जाता हैं पढ़ने के लिए कहा जाता हैं और दूसरे वाक्य में सोचने के लिए कहा जाता हैं लेकिन पढ़ने के लिए मना किया जाता हैं ।

 

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हिंदी में निम्नलिखित विराम-चिन्ह हैं

 

1 अल्प विराम  –  ( , )

2 अर्द्ध  विराम   –  ( ; )

3 अपूर्ण विराम   –  (  : )

4 पूर्ण विराम  –  ( । )

5 प्रश्न चिन्ह  –  ( ? )

6 विस्मयादि बोधक चिन्ह  –  ( ! )

7 योजक या विभाजक

8 उद्धरण चिन्ह  –  (  “ ” )

 

viram chinh 

 

1 अल्प-विराम  –  ( , ) 

हिंदी में इस शब्द का सबसे अधिक होता हैं लेकिन अभी तक इसका कोइ निश्चित नियम नहीं बन पाया हैं फिर भी हम इन्हें अनुकूल उपयोग कर ही लेते हैं इसके आधार पर कुछ अवस्थताओं में इसका प्रयोग किया जाता हैं हमें इन्ही बातों को ध्यान में रखकर चलना होता हैं इसके लिए कुछ सामान्य नियम दिए हैं जो निम्नलिखित हैं –

 

  • 1. जब दो या दो से अधिक शब्दों के समूह का प्रयोग एक साथ किया जाता हैं तो तब अंतिम शब्द को छोड़कर इस अल्प-विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।

जैसे – श्याम , नरेश , अरुण और अजय घर चले गये ।

खाना , पीना , घूमना और  सोना ही उसका काम हैं ।

 

 

  • 2. जब कई शब्दों का प्रयोग युग्म या सामासिक के रूम में हो तो अल्प -विराम का प्रयोग करते हैं ।

जैसे – सुख – दुःख , हर्ष – विषाद, मिलन- बिछरन , अलग – थलग आदि ।

 

 

  • 3. जहाँ शब्दों पर विशेष जोड़ देना हो तो अल्प-विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे –  नहीं , नहीं ; आप नहीं जा सकते हैं ।

 

 

  • 4. यह , वह , तब , तो आदि का  लोप होने पर अल्प-विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे –  वह जब आता हैं , अपना ही काम देखता हैं ।

वह कब आएगा , कहा नहीं जा सकता हैं ।

 

 

  • 5. किसी युक्ति के पूर्व में अल्प-विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – मैंने कहा , मैं अपना काम करने जा रहा हूँ ।

 

 

  • 6. सम्बोधन के बाद में अल्प-विराम लगता हैं ।

जैसे – सुनो भाई , ऐसा काम मत करो ।

हे भगवान , मेरा प्रणाम स्वीकार करो ।

 

 

  • 7. दो वाक्य  खण्डों के बिच ‘और ‘ का लोप होने पर अल्प-विराम लगता हैं ।

जैसे – लड़के स्कूल जाते हैं , अपने पाठ पढ़कर चले जाते हैं ।

बच्चे सुबह जाते हैं , शाम तक में शाम तक में आ जाते हैं ।

 

 

  • 8. हाँ , नहीं , बस , अतः, अच्छा , वस्तुतः जैसे शब्दों के बाद अल्प-विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – अच्छा , आप भी पढ़ रहे हैं ,

नहीं , वह नहीं बोला था ।

अतः , तुम्हें वह काम करना चाहिए था ।

सचमुच , तुम अच्छे नहीं हो ।

 

 

  • 9 . यदि कोई वाक्य वाक्य पर परन्तु , किन्तु , लेकिन , आदि से शुरू हो तो उसके पूर्व विराम – चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – वह स्कूल तो जाता हैं , पर पढता लिखता नहीं हैं ।

आप खाते हो , परन्तु पचा नहीं सकते हैं ।

 

 

2 अर्द्ध  विराम   –  ( ; )

अल्पविराम के अपेक्षा अर्द्धविराम में अधिक देर ठहरना होता हैं ।

जैसे – सुबह हो गया ; काम पर नहीं निकला ।

शाम ढल गई ; चिड़िया अपने घर लौटने लगी । 

 

 

इसका  प्रयोग निम्नलिखित स्तिथियों में किया जाता है।

  • 1 किसी नियम के बाद तथा उदाहरण – सूचक शब्द के पहले ।

जैसे –  यथा ।

 

  • 2.प्रधान वाक्य में सम्बन्ध सहायक वाक्यांश को अलग करने में ।

जैसे  हट्टा- कट्ठा शरीर ; सूंदर चेहरा; हर काम में तेज ; ऐसा लड़का था।

 

 

3 अपूर्ण विराम   –  (  : )

जहाँ पर अर्द्धविराम के अपेक्षा अधिक ठहरना पड़े तो वहा अपूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता हैं । इसका प्रयोग निम्नलिखित अवस्था में अधिक किया जाता हैं ।

  • 1. किसी वक्तव्य को अलग करके दिखाने के लिए ।

जैसे – निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दें :

  • 2. किसी के शीर्षक में अपूर्ण-विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – कवि दीनदयाल उपाध्याय :

संकेत : एक रात की ।

 

 

 

4 पूर्ण विराम  –  ( । )

जहाँ पर  पूरा ठहराव हो मतलब जब वाक्य की समाप्ति होने पर  पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – मैं लिखता हूँ ।

श्याम विद्यालय जा रहे हैं ।

मैं अपने घर जाता हूँ ।

 

 

5 प्रश्न चिन्ह  –  ( ? )

इसका प्रयोग निम्नलिखित अर्थो में किया जाता हैं ।

  • 1.किसी से प्रश्न पूछने पर प्रश्नवाचक  चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – आप क्या करते हो ?

क्या तुम अपना काम कर सकते हो ?

आप ऐसा क्यों करते हैं ?

आदि ।

  • 2. इसका प्रयोग अनिश्चित दशा में किया जाता हैं ।

जैसे – हमें लगता हैं की वह जरूर आता हैं ?

 

 

6 विस्मयादि बोधक चिन्ह  –  ( ! )

इसका प्रयोग निम्नलिखित अवस्थाओं में किया जाता हैं ।

  • 1.दुःख- शोक खुशी या चित्त वृतियां   प्रकट करने में ।

जैसे – हाय ! मैं मर गया ।

वाह- वाह ! क्या बात हैं ।

 

 

7. योजक या विभाजक  – ( -)

लिखते समय यदि पंक्ति का भाव स्पष्ट नहीं हो पाए तो योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – मैं कहना चाहता हूँ कि-

सहचर शब्दों के साथ योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं ।

जैसे – चाल- चलन , खाना – पीना , अनाम-सनाप, भोग-विलास।

आदि ।

 

 

Viram chinh

 

 

7 उद्धरण चिन्ह  –  (  “ ” )

साधारणतः किसी वाक्यांश को उद्धृत करने के लिए उद्धरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं ।

जिंदगी एक खिलौना हैं

जीवन पानी का बुलबुला हैं

 

 

 

इन्हें भी पढ़ें – उच्चारण क्या होता हैं ।

 

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