Rachna ke aadhar par vakya bhed , रचना के दृष्टिकोण से वाक्य का भेद ,उदाहरण के साथ ।

Rachna ke aadhar par vakya bhed ,रचना के दृष्टिकोण से वाक्य का भेद :

रचना कहे या बनावट दोनों समान अर्थ ही रखते हैं यह वाक्य का ही भेद हैं यदि आप वाक्य के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं तो इनके सम्बंधित अन्य बहुत सारे बातें तथा वाक्य के भेदों को जानने और उनके विस्तार को समझने में कोइ दिक्क्त नहीं हो सकती हैं फिर भी एक बार वाक्य को दोहरा दे रहे हैं । वाक्य – शब्दों के सार्थक मेल को वाक्य कहा जाता हैं  जो दो या दो से अधिक शब्दों के मिश्रण होता हैं जो कोइ सार्थक अर्थ प्रदान करते हैं । हम इस पेज में रचना के आधार पर वाक्य के भेद के बारें में जानकारियां प्राप्त करेंगें जो की तीन प्रकार के होते हैं ‘साधारण वाक्य’ मिश्र वाक्य और संयुक्त वाक्य जिसके बारे में बारी-बारी से अध्ययन करेंगें। 

 

Rachna ke aadhar par vakya ke bhed :

आपको बताना चाहेंगें की रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं जो की निम्नलिखित हैं –

(1) साधारण वाक्य 

(2) मिश्र वाक्य 

(3) संयुक्त वाक्य 

 

इन्हें भी पढ़ें -1 . हिंदी वर्णमाला क्या होता हैं ।

2 . वचन क्या होता हैं ।

 

Rachna ke aadhar par vakya bhed

 

 

अब बारी-बारी से इन तीनों भेदों के बारें में अध्ययन करते हैं ।

(1) साधारण वाक्य- यह क्रिया युक्त वाक्य होता हैं और इसके वाक्य में एक ही क्रिया लगा होता हैं हम इस प्रकार कह सकते हैं की साधारण वाक्य वह वाक्य होता हैं जिसमें एक ही क्रिया लगा हो जिसे साधारण वाक्य कहा जाता हैं और ऐसे अंग्रेजी में simple sentence कहा जाता हैं। एक बात और ध्यान रखना हैं की साधारण वाक्य को सरल वाक्य भी कहा जाता हैं अब हम इनके कुछ उदाहरण को देखते हैं –

श्याम जाता हैं , वह खाता हैं , सीता जाती हैं , राधा गाती हैं , अरुण पढ़ते हैं , रमेश बोलते हैं , गणेश हँसते हैं आदि।

आप इन सारे वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखिए आपको स्पष्ट दिखाई देंगें के इन सारे वाक्यों में एक ही क्रिया लगा हैं और वह क्रिया हैं – खाना , जाना , पढ़ना , बोलना , हँसना । दूसरी शब्दों में यह भी कह सकते हैं की जिस वाक्य में एक उदेश्य तथा एक विधेय लगा हो तो वह साधारण वाक्य कहा जाता हैं और उद्देश्य को कर्ता( Subject) कहा जाता हैं तथा विधेय को क्रिया कहा जाता हैं ।

 

(2) मिश्र वाक्य – जिस वाक्य में एक साधारण वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोइ भी दूसरा उपवाक्य भी हो तो वह मिश्र वाक्य कहा जाता हैं जिसे अंग्रेजी में complex sentence कहा जाता हैं । इसे उदाहरण से ही अच्छी तरह से समझते हैं –

वह वही शहर हैं जहाँ स्वामी विवेकानंद जी की जन्म हुवा था ।

वह वही गांव हैं जहा मेरी माँ रहती हैं ।

वह यही स्थान  हैं जहाँ मैं बचपन में खेला करता था ।

ऊपर के वाक्य में -वह वही शहर हैं,यही गांव हैं,यही स्थान हैं प्रधान उपवाक्य हैं और इसके वाद  जहाँ स्वामी विवेकानंद जी की जन्म हुवा था  जहा मेरी माँ रहती थी ,  जहाँ मैं बचपन में खेला करता था सब सहायक उपवाक्य हैं सहायक उपवाक्य खुद में सार्थक नहीं होते हैं परन्तु प्रधान वाक्य को बहुत सहायता करते हैं और वह पूरा सार्थक वाक्य बनाते हैं ।

 

Rachna ke aadhar par vakya bhed

 

(3) संयुक्त वाक्य – वह वाक्य जो दो या दो से अधिक ऐसे प्रधान उपवाक्यों से बनता हैं जो स्वतंत्र रूप से अपना अलग-अलग अर्थ रखते हैं अर्थात साधारण और मिश्र वाक्यों के मेल से जब संयोजक अव्ययों द्वारा जोड़ा जाता हैं तो उसे संयुक्त वाक्य कहा जाता हैं,संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य और मिश्र वाक्य अव्ययों द्वारा संयुक्त होते हैं और इस प्रकार के वाक्य लम्बें और उलझें होते हैं ।

जैसे – 1 . वह आया मैं गया ।

2 . मैं जब खा कर लेटा तो सर में दर्द होने लगा दर्द इतना बढ़ा की सो भी नहीं सका ।

3 . इतनी बड़ी ठण्ड हैं की मन करता हैं की आग की गर्मी को अपने पुरे शरीर पर लपेट लूँ ऐसा करने से ठण्ड खत्म हो जाएगी और ठण्ड से बचने का उपाय मिल जायेगा इस प्रकार जान बच जाएगी । 

4 . आग से निकलने के बाद जी यही चाहता हैं की बस कपड़े चिर फरकर फेंक दें क्योंकि इस समय गर्मी जो बहुत अधिक हैं कम हो जाएगी ।

यदि किसी वाक्य में प्रधान उपवाक्य का एक भी समान पद हो तो वह वाक्य संयुक्त वाक्य ही होता हैं, जैसे –  वह आया और मैं गया इसमें दो समान पद उपवाक्य हैं और उदहारण 4 में आग से निकलने के बाद जी यही चाहता हैं जो की यह प्रधान उपवाक्य हैं , की सब कपड़ें फार कर फेंक दें यह संज्ञा उपवाक्य हैं तथा इस समय गर्मी बहुत अधिक हैं – विशेषण उपवाक्य हैं ।

 

इन्हें भी पढ़ेंवाक्य क्या हैं ।

 

 

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