Love Letter In Hindi , Love letter for girlfriend in hindi , प्रेम पत्र , पत्र कैसे लिखा जाता हैं।

 

Love Letter In Hindi , Love letter for girlfriend in hindi , प्रेम पत्र । प्रेम पत्र , पत्र कैसे लिखा जाता हैं।

प्रेम-पत्र (Love Letter )-  “हमें इस दुनिया से जितना प्यार हैं उतना ही नफरत हैं”

“हमें जीने की उतना ख्वाहिस नहीं  बस कुछ पल उनके साथ बिता लूँ यही तमन्ना बाकी हैं,

 उनके नाम के साथ अपना नाम जुड़ जाए मुस्कुराकर मरने के लिए  यही  काफी हैं”   

“हमें कुछ नहीं चाहिए क्योंकि कुछ साथ रहता नहीं ”

बस थोड़ी सी तुम्हारा साथ चाहिए क्योंकि अकेले आग भी जलता नहीं”

लेकिन कोइ जिंदगी भर ढूढंते रह जाते हैं कोइ बिना माँगें प्राप्त कर लेता हैं’ हम उनसे नफरत करते हैं क्योंकि तूने हमें माँगने पर भी कुछ दिया नहीं और वो भी आपसे  इसलिए नफरत करते हैं क्योंकि उसे भी तूने बिना माँगें दे दिया’

“हर किसी की तरह हम भी कुछ पाना चाहा लेकिन वो नसीब कहा ‘हम तो सिर्फ अपने साँसों के काम आते” दोस्तों इस articles में प्रेम-पत्र कैसे लिखा जाता हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

 

Love letter for girlfriend in hindi

 

कोइ भी पत्र लिखने और पढ़ने में तभी अच्छा लगता हैं जब उनसे कोइ कहानी जुड़ी होती हैं , हम उन्ही के साथ जुड़ते हैं जिनके साथ किसी चीज का जुड़ाव होता हैं अथवा कोइ पल जुड़ा होता हैं हम निचे कुछ यादें , एक छोटी सी कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं फिर उस पर आधारित प्रेम – पत्र भी लिखेंगें – 

जिंदगी में एक पल ऐसा जरूर आता हैं जो बहुत ही प्यारा होता हैं लेकिन वह उस वक्त समझ में नहीं आती हैं जब  समय बीत जाती हैं तब उसकी याद सताने लगती हैं । ऐसा समय हर किसी के जीवन में आता हैं लेकिन इसे हर कोइ समझ नहीं पाते हैं और जो समझ जाते हैं वह उसके लिए वही जीने का सहारा बन जाता हैं और जब वह जिंदगी में चली आती हैं तो दुनिया बहुत खूबसूरत हो जाती हैं।

 

Love Letter In Hindi

 

दोस्तों बचपन के खिलोने के साथ खेलते – खेलते कब विद्यालय पहुँच जाते हैं पता ही नहीं चलते हैं और विद्यालय से निकलते- निकलते जिंदगी कहाँ पहुँच जाती हैं इसका भी एहसास नहीं होते  हैं लेकिन बीते हुए इतने सारे पल में एक पल ऐसा भी आता हैं जो एक तस्वीर यादें बनकर रह जाती हैं। एक चेहरा होता हैं जो सपने बनकर हमारे साथ चलने लगती हैं ऐसा सपना जो नींद में नहीं खुली आखों  देखा करते हैं ऐसी ही एक प्यार की कहानी हैं-

” जब मैं पढता था एक अनजाने सी मुलाकात होती थी „

” कुछ भूली-बिसरी  बाते होती थी „

” हम कुछ अपने बारे में बताते थे तो कुछ वह अपने बारे में बताती थी „

” किताबें हम खरीदते थे लेकर वह भाग जाती थी „ 

” थोड़ा वक्त सो कर निकलते थे तो थोड़ा उसके साथ निकल जाते थे „

 

Love Letter In Hindi

लेकिन वक्त की जिम्मेवारियों ने एक दूसरे को दूर लेकर चले गए  लेकिन हम अब भी दूर नहीं हुए हम आज भी उनके तस्वीर से बाते करते हैं भले ही विद्यालय का सफर जिंदगी का सफर  बन पाया लेकिन आगे की जिंदगी आपके साथ चलूँ यही सोचकर अपनी दिल की बात इस पत्र के द्वारा बताते हैं।

       

प्रिय – राधा                                

   मैं सकुशल हूँ और आशा करता हूँ की आप भी कुशल होंगीं । आगे कहना हैं कि जब कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद न कभी आपसे बातें हुई हैं और न कभी मिल पाए हैं  क्योंकि College के बाद जिंदगी को स्थाई दिशा देने के लिए कामयाबी के दौड़ में आगे बढ़ते चले गए लेकिन बहुत कुछ तो हासिल नहीं हो सका लेकिन इतना तो जरूर भरोसा हैं की अब जिंदगी को एक अच्छा रूप दे सकूँ । मैंने कई कठिनाइयों का सामना करता रहा “संघर्ष इतना दुःखों से भरा रहा”  लेकिन जब भी जिंदगी के बारे में सोचता ‘जिंदगी को समझने की कोशिश करता’ तो आपका ही तस्वीर मेरे आखों के सामने आता ,  दुनिया के ठोकरों से जब भी दर्द होता तो हमें आपका ही आवाज सुनाई देता और आप कहती की “मैं हूँ न” और पास आकर हमसे बोलती हिम्मत मत हारों । पता नहीं ऐसा क्यों आपको हमेशा अपने साथ पाया , आप हमारे करीब तो नहीं थी फिर भी आपका चेहरा हमेशा हमारे पास रहा ‘हर पल आपसे बाते करता रहा’ कोइ तो बात हैं जिससे आपसे दूर नहीं रह पाता हूँ ।

आगे कहना हैं अब जिंदगी का ऐसा मोड़ आ गया हैं की अब अकेला एक कदम भी चला नहीं जा रहा हैं  दिन- रात यही सोचता रहता हूँ की कब आपसे मिल पाऊ  एक- एक पल कई सालों के बराबर लगता हैं अब जितना भी पल बीतता हैं उतना ही आपसे मिलने इच्छा बढ़ती जाती हैं, एक झलक देखने की चाहत में खुद को खोने के जैसा हो गया हैं ऐसा लगता है की तन में जान ही नहीं हैं शायद मैं ये सब बातें आपको बताने की हिम्मत अब कर पाया हूँ लेकिन ये कहानी तो दिल में बहुत पहले लिखी जा चुकी हैं ये कहानी तब की हैं जब मैं पहली बार आपको करीब से देखा था विद्यालयों की दिनों की बात हैं जब हम एक साथ पढ़ते थे उस समय बिलकुल एक दूसरे से अनजान थे लेकिन एक दिन ऐसा आया जब विद्यालयों के छुट्टी होने के बाद हम  घर लौट रहे थे शाम के चार बज रहे थे तभी अचानक वर्षा होने लगी मैं वर्षा से बचने के लिए इधर- उधर देखने लगा तभी पास में एक छोटा सा टुटा हुवा घर दिखाई दिया जो बिकुल खाली था मैं उस घर में जा कर छुप गया और उसी वक्त आप भी भींगते हुई उसी घर में आ गई वही एक पल था जिस पल में एक मैं और एक आप थी दूसरा कोइ नहीं था आप चुपचाप सहमी सी खड़ी थी मैं अपनी आखों को रोक न सका मैं आपको जी भर कर देखा लेकिन आप इस बात को शायद समझ नहीं पाई बस वही एक दिन की बात हैं जिसके बात हमारे जीवन की हर एक कहानी आपसे शुरू होने लगी । इसके बात हम एक दूसरे से मिलने लगे बातें होने लगी एक दूसरे के करीब आते गए आप क्या सोचती थी कभी आपकी दिल की बात नहीं पूछा लेकिन मैं आपको लेकर हर एक सपना सजाने लगा और हमेशा आपके बारे में ही सोचता रहा शायद इसी को प्यार कहते हैं मैं तो ये भी नहीं कह सकता हूँ कि- मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्योंकि ये आपके सामने बहुत छोटा हैं आप हमारे लिए उनसे से भी बढ़कर बहुत ऊँचें हैं फिर भी अपने सारे भावनाओं एक प्यार के शब्द में समेटकर अपने दिल कि बात कहता हूँ कि- “राधा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” इसके बाद कहने के लिए हमारे पास कोइ विशेष शब्द नहीं हैं और आगे कहना चाहता हूँ कि आप हमारे जीवन साथी के रूप में एक दूसरे का हाथ पकड़कर साथ निभाए।

आपका साथी – सुदीप कुमार

 

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