Kaal ke bhed , काल हिंदी ग्रामर परिभाषा एवं भेद –
काल किसे कहते हैं- समय के अनुसार क्रिया के रूम में परिवर्तन को ही काल कहा जाता हैं या क्रिया के होने में जो समय लगता हैं उसे काल कहा जाता हैं काल का सम्बन्ध ‘समय‘ से हैं जो परिवर्तन होते रहते हैं जिसके कारण क्रिया में भी बदलाव होते रहते हैं और क्रिया के बदलाव (घटित) होने से समय का पता चलता हैं जिस समय को प्रमुख रूप से वर्तमान कल, भूत काल तथा भविष्य काल में विभाजित किया जाता हैं जिससे तीनों कालों बोध होता हैं और इन तीनों कालों में भी समय के रूपों परिवर्तन होते हैं और वह किस प्रकार परिवर्तन होते हैं आज हम इसी के बारे में अध्ययन करेंगें साथ में काल के भेद के बारें में भी वस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगें।
Kaal ke bhed , kaal hindi grammar –
काल के भेद :
- समय के अनुसार काल के तीन भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं –
1 वर्तमान कल
2 भूत काल
3 भविष्य काल
- अवस्था के अनुसार क्रिया के भेद जो निम्न हैं –
1 सामान्य काल
2 पूर्ण काल
3 अपूर्ण काल
इन्हें भी पढ़ें – क्रिया किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं।
समय के अनुसार काल के भेदों का अध्ययन –
1 वर्तमान कल –यदि किसी वाक्य के ‘क्रिया’ का सम्बन्ध वर्तमान समय से हो तो वह वर्तमान काल कहा जाता हैं या वर्तमान समय में किसी क्रिया का होना वर्तमान काल कहा जाता हैं ।
वास्तव में इस काल का सम्बन्ध वर्तमान से होता हैं यदि हिंदी के किसी वाक्य को पढ़ने से ऐसा लगे की कोइ काम अभी या इन दिनों हो रहा हैं तो इस वाक्य को वर्तमान काल के वाक्य समझा जाता हैं जिसे हम उदाहरण से बहुत अच्छे तरह से समझ सकते हैं ।
जैसे –वह पढ़ता हैं, इस वाक्य में कर्ता पढ़ता हैं और पढ़ने का सम्बन्ध वर्तमान से हैं मतलब की अभी वह पढ़ रहा हैं या वह इन दिनों बराबर पढ़ने के लिए विद्यालय जाता हैं यदि ये कहा जाए की ‘वह पढ़ता था‘ या वह पढ़ेगा तो यह दोनों वाक्य वर्तमान काल के नहीं हैं क्योंकि इनमें एक वाक्य का सम्बन्ध बिता हुवा समय से हैं तथा एक दूसरे वाक्य का सम्बन्ध आने वाले समय से हैं न की वर्तमान समय से।
वह लिख रहा हैं – वाक्य वर्तमान काल में हैं क्योंकि कोइ हैं जो अभी लिख रहा हैं मतलब अभी क्रिया हो रही हैं ।
रमेश पढ़ चूका हैं – यह वाक्य भी वर्तमान काल का हैं क्योंकि रमेश अभी तुरंत पढ़ चूका हैं मतलब की कुछ देर पहले उसके पिता पढ़ने के लिए कहा था अब वह पढ़ चूका हैं फिर कल पढेंगें अभी वह पढ़ चुके हैं।
कल प्रधान मंत्री मेरे यहाँ आयेंगें- इस वाक्य को देखने से वाक्य भविष्य काल के जैसे लगते हैं परन्तु यह वाक्य वर्तमान काल का हैं क्योंकि मंत्री जी कल ही आने वाले हैं और वह आवश्यक आयेंगें तो इसलिए यह वाक्य वर्तमान काल के हैं।
वर्तमान काल के भेद –
1 सामान्य वर्तमान काल –
2 सन्दिग्ध वर्तमान काल-
3 अपूर्ण वर्तमान काल –
4 आज्ञार्थ वर्तमान –
व्याख्या-
1 सामान्य वर्तमान काल – क्रिया का वह रूप जिसके कार्य से वर्तमान समय का बोध हो तो वह सामान्य वर्तमान काल कहा जाता हैं।
जैसे – वह खाता हैं , श्याम पढ़ता हैं, रमेश दौड़ता हैं , वह खेलता हैं , मिथलेश झूठ बोलता हैं आदि, इस प्रकार के वाक्य सामान्य वर्तमान काल कहा जाता हैं ।
2 सन्दिग्ध वर्तमान काल- जब वर्तमान काल में किसी क्रिया के होने का संदेह हो तो वह सन्दिग्ध वर्तमान काल कहा जाता हैं ।
जैसे – आदित्य पढ़ता होगा ,अनीश काम कर्ता होगा , वह आता होगा, अनुराधा नाचती होगी आदि ।
3 अपूर्ण वर्तमान काल – क्रिया के वह रूप जिससे यह पता चले की कोइ कार्य वर्तमान काल में हो रहा हैं तो वह अपूर्ण वर्तमान काल कहा जाता हैं ।
जैसे – वह पढ़ रहा हैं, श्याम खा रहा हैं , अरुण काम कर रहा हैं, विवेक सो रहा हैं , राधा मेरा इंतजार कर रही हैं आदि ।
4 आज्ञार्थ वर्तमान –
‘आज्ञा देने के अर्थ में’ जब वर्तमान समय में किसी क्रिया से आज्ञा देने का अर्थ स्पष्ट होती हैं तो वह आज्ञार्थ वर्तमान कहा जाता हैं।
2 भूत काल- जिस वाक्य के क्रिया का सम्बन्ध बीते हुए समय से हो तो वह भूत काल कहा जाता हैं अर्थात जिस क्रिया के होने से बीते हुए समय का बोध हो तो वह भूत काल कहा जाएगा ।
जैसे – वह विद्यालय जाता था,रमेश झूठ बोलता था,श्रीराम ने रावण को मारा था,राधा गीत गाता था आदि। इन वाक्यों के क्रियाओं से पता चलता हैं की कर्ता बीते हुए समय में कोइ कार्य करते थे जिसे पहुत पहले ही छोड़ चुके हैं ।
3 भविष्य काल –
H tag – bhavishyat kaal ke kitne bhed hote hain ,
इन्हें भी पढ़ें – समय क्या होता हैं ।