apadan karak , अपादान कारक किसे कहते हैं , परिभाषा एवं उदाहरण ।

apadan karak  –

अपादान कारक किसे कहते हैं , परिभाषा एवं उदाहरण :

परिचयअपादान कारक का चिन्ह ‘से’ होता हैं जो कारक के पांचवी विभक्ति हैं जिसका प्रयोग जुदाई के अर्थ में किया जाता हैं । दोस्तों इस articles में अपादान कारक के बारे में सम्पूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं,आप कारक के बारे में आवश्यक जानते होंगें जो आठ प्रकार के होते हैं जिसे विभक्ति कहा जाता हैं इन्ही में से apadan karak(अपादान कारक) पंचमा विभक्ति हैं अर्थात हम कारक के पंचमा विभक्ति के बारे में जानेंगें । कारक के किसी भी विभक्ति में उनके चिन्हों की प्रधानता रहती हैं और वाक्यों में चिन्हो का ही पहचान की जाती हैं तथा चिन्हो से पता लगाया जाता हैं की वाक्यों के साथ कर्ता का क्या सम्बन्ध हैं अर्थात  हम ये पता लगते हैं की वाक्य क्या कहना चाहता हैं । 

 

apadan karak kise kahate hain

अपादान कारक किसे कहते हैं / परिभाषा – 

दो वस्तुओं को अलग होने पर जो वस्तु स्थिर होता हैं उसे अपादान कारक कहा जाता हैं , अर्थात जब दो चीजे अलग होती हैं चाहे कुछ भी इसमें कोइ पदार्थ हो सकता हैं या कोइ संज्ञा या सर्वनाम हो सकता हैं यदि एक दूसरे से अलग होता हैं तो जो पदार्थ स्थिर रहता हैं वह अपादान कारक कहा जाता हैं ।

जैसे –  (1) लड़का विद्यालय से आता हैं , यहाँ पर दो लड़का और विद्यालय अलग हो रही हैं तो स्थिर हैं वह अपादान कारक कहा जायेगा जो की इसमें अपादान कारक विद्यालय अपादान कारक हैं ।

(2) पेड़ से पत्ते गिरते हैं , यहाँ पर पेड़ से पते अलग हो रहे हैं जिसमें पेड़ स्थिर हैं अतः पेड़ को अपादान कारक कहा जाता हैं ।

(3)  वह घर से जा रही हैं , इस वाक्य में भी दो चीजें अलग हो रही हैं तथा यहाँ पर घर स्थिर हैं इसलिए घर अपादान कारक हैं ।

इसी प्रकार अन्य बहुत सारे उदाहरण हो सकता हैं

 

ध्यान दें –  हिंदी व्याकरण में अपादान कारक का प्रयोग भय ,रक्षा , घृणा , लज्या ,मिलन ,नफरत , संयोग , निरंतर , गतिशीलता , उद्गम , स्रोत , जन्म आदि के लिए भी किया जाता हैं ।

जैसे- मैं तुमसे डरता हूँ।

उसने हमें डाकू से बचाया।

मैं तुमसे घृणा करता हूँ ।

हमें इस बात से लज्या हैं ।

रमेश  से मिलना हैं ।

 

अपादान कारक का चिन्ह क्या है(apadan karak ka chinh)

अपादान करक का चिन्ह ‘से’ होता हैं जो जुदाई के अर्थ में प्रयुक्त होता हैं । जैसे – वह पाठशाला से घर जा रही हैं , इस वाक्य में से का तात्पर्य हैं की दो संज्ञा या पदार्थ को अलग करते हैं लेकिन इसमें जो संज्ञा स्थिर रहता हैं वह अपादान कारक होता हैं इस चीज की स्पष्टता ‘से‘ के द्वारा होता हैं यदि ‘से’ को हटा दिया जाए तो वाक्य अपादान कारक के लिए असंतुष्ट हो जाते हैं इस प्रकार हम अपादान कारक का चिन्ह से होता हैं ।

 

 

अपादान कारक का कौन सा उदाहरण सही है ? 

अपादान कारक के हर उदाहरण सही हैं जबकि उसके परिभाषा के लिए संतुष्ट करें । हम जानते हैं की जब एक कोइ चीज दूसरे से अलग होता हैं तो जो स्थिर रहता हैं वह अपादान कारक कहे जाते हैं,जैसे –  गंगा हिमालय से निकलती हैं , यहाँ पर हिमालय से गंगा जुदा होती हैं जिसमें हिमालय अपादान कारक हैं और यह उदाहरण सम्पूर्ण रूप से सही हैं इसी प्रकार के अन्य कई सारे उदाहरण से सकते हैं जो की बिलकुल सही हैं ।

 

 

अपादान कारक का उदाहरण(apadan karak ka udaharan) :

ह गौशाला से आ रहे हैं ।

आसमान से बुँदे गिरते हैं ।

डाली से पत्ते गिरते हैं ।

श्याम पटना से आ रहे हैं ।

प्रधान से गांव से आ रहे हैं ।

बालक खेल के मैदान से आ रहे हैं ।

पेड़ से आम गिरते हैं ।

हाथ से घड़ी गिर गई ।

पंक्षी घोसला से गिर गया ।

कपड़े छत से गिर गई आदि ।

 

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