anopcharik patra in hindi
(अनौपचारिक पत्र कैसे लिखा जाता हैं )
अनौपचारिक पत्र लिखने से पहले आप कुछ महत्पूर्ण बातों को आवश्यक जान लीजिए जो की बहुत जरूरी हैं , जैसे कि आप जान चुके हैं कि अनौपचारिक पत्र के अंतर्गत व्यक्तिगत , पारिवारिक तथा सामाजिक पत्र आदि आते हैं , आप कुछ निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिजीए।
1 . व्यक्तिगत पत्र( Personal Letters) – यह व्यक्तिगत पत्र होता हैं , जिसमें कोइ व्यक्तिगत रूप से किसी अन्य व्यक्ति के पास पत्र लिखते हैं अर्थात व्यक्तिगत रूप से कोई अपनी निजी बातों को एक दूसरे के पास लिखते हैं। जैसी प्रेम पत्र , कोई आंतरिक पत्र आदि आते हैं लेकिन वास्तविक रूप से यह पारिवारिक पत्र का ही रूप हैं।
2 . पारिवारिक पत्र(Family Letters)- स्पष्ट हैं , जब बेटे अपने माता- पिता के लिए कोई पता लिखता हैं , कोइ भाई अपने बहन के लिए कोइ पत्र लिखते हैं अथवा कोइ बहन अपने भाई के लिए कोइ पत्र लिखती हैं तो इस प्रकार के पत्र को परिवार पत्र कहा जाता हैं । मतलब परिवार के ही कोइ सदस्य अपने ही परिवार के किसी व्यक्ति के पास कोई पत्र लिखते हैं। ध्यान दिजीए व्यक्तिगत एवं पारिवारिक पत्र में व्यक्ति को विशेष रूप से संबोधित किया जाता हैं।
3 . सामाजिक पत्र(Social Letters) – सामाजिक पत्रों की अनेक पद्धतियाँ होती हैं , इसके आधार पर इसके अंतर्गत बधाई पत्र , निमंत्रण पत्र , प्रमाण पत्र , शोक पत्र आदि आते हैं तथा इसके अंतर्गत ऐसे अन्य पत्र भी सम्म्लित होते हैं जिसमें किसी एक व्यक्ति को संबोधित नहीं किया जाता हैं , यद्पि सभी व्यक्तियों को संबोधित किया जाता हैं , जैसे- यदि आप किसी सम्पूर्ण समाज के पास पत्र लिखना चाहते हैं तो इसके लिए पुरे सम्पूर्ण समाज को संबोधित करना होगा न की किसी एक व्यक्तिविशेष को और साथ में औपचारिकता का निर्वाह करना पड़ता हैं। लिखने की शैली रूचिपूर्ण एवं कलात्मक होती हैं इसमें भेजने की तिथि न हो तो कोइ फर्क नहीं पड़ता हैं , और इसमें हस्ताक्षर नहीं रहते हैं ।
अनौपचारिक पत्र :
1 . आपको एक लड़की से प्यार हो गया हैं और आप उनसे शादी करना चाहते हैं , इसके सन्दर्भ में आप अपने पिता जी के पास एक पत्र लिखे ।
पूज्य पिता जी ,
सादर प्रणाम ।
मैं सकुशल हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की आप भी अच्छे होंगें । आगे मैं जो आपसे कहने जा रहा हैं वह सामान्य दृष्टिकोण से सार्थक नहीं हैं लेकिन क्षमा माँगते हुए आगे की अपने बातों को रखने जा रहा हूँ। मैं जिस कॉलेज में पढ़ रहा हूँ उसी कॉलेज में एक राधा नाम की एक लड़की पढ़ती हैं , जब मैं कॉलेज में दाखिल हुवा था उस समय मेरा कोइ मित्र नहीं था लेकिन कुछ समय बाद एक दिन राधा कुमारी से मेरी मुलाकात होती हैं , फिर जान पहचान होती हैं इसके बाद धीरे-धीरे हम एक दूसरे के बारे में बहुत सारे बातें को जानने लग जाते हैं और फिर एक दूसरे के अच्छे मित्र बन जाते हैं। राधा बहुत अच्छी लड़की हैं वह पढ़ने में भी बहुत अच्छी हैं अगले साल वह कॉलेज के परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त की थी तथा इस साल वह MMBS की पढ़ाई पूरी कर लेगी और मेरा भी इसी साल MMBS की पढ़ाई पूरी होनी वाली हैं। आगे कहना हैं कि अब मैं राधा को बहुत प्यार करने लगा हूँ और इस दोस्ती को अपने रिश्तों में बदलना चाहता हूँ तथा मैं राधा से शादी करना चाहता हूँ इसमें राधा की भी पूर्ण सहमति हैं और साथ में राधा की परिवारवालों की भी सहमति हैं। अतः पिता जी से उम्मीद हैं की आप हमें निराश नहीं करेंगें तथा मेरे शादी की प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेंगें और शादी के सन्दर्भ में राधा के परिवार वालों को आपसे मिलने की अनुमति प्रदान करेंगें।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
आशीष कुमार ।
anopcharik Patra
2 . आप किसी कारणवश अपने दोस्त के शादी में शामिल नहीं पाए , इसके लिए क्षमा माँगते हुए अपने दोस्त के पास एक पत्र लिखें ।
प्रिय मित्र
इंद्रजीत कुमार ।
मैं कुशल हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की आप सब भी सकुशल होंगें। आप तो जानते हैं कि मैं आपके शादी में शामिल नहीं हो पाया इसी के सन्दर्भ में मैं कुछ कहना चाहता हूँ । जब से हमें ज्ञात हुवा था की आपकी शादी का समय तय हो चूका हैं तब से मैं बहुत खुश था , शादी में आने की पूरी तैयारी कर चुके थे लेकिन जिस दिन आपके घर रवाना होने वाले थे उसी दिन अचानक मेरे माँ की तबियत बहुत खराब हो गए जिसके इलाज के लिए हमें तुरंत शहर जाना पड़ गया , इसलिए मैं आपके शादी में उपस्थित नहीं हो पाया । शादी में शामिल नहीं हो पाया इसके लिए मैं बहुत दुःखीं हूँ और मैं आपसे क्षमा माँगता हूँ , हमें उम्मीद हैं की आप अपने गुस्सा शांत कर हमें क्षमा कर देंगें । मैं एक सप्ताह के बाद आपसे मिलने आ रहा हूँ, घर में बड़े मेरा प्रणाम कहना और छोटे को प्यार ।
आपका प्रिय मित्र
ललित कुमार ।
3 . पत्र किसे कहते हैं