aa ki matra wale shabd ( आ कि मात्रा वाले शब्द ) और aa ki matra ke vakya( आ की मात्रा के वाक्य )- जब बच्चे नर्सरी वर्ग(class) में होते हैं तो हिंदी वर्णमालाओं और उनके मात्राओं को विस्तार से सीखते समझते हैं जो बच्चे लिए बहुत जरूरी होता हैं,यह प्राथमिक शिक्षा होती हैं जिसके कारण ही किसी अक्षर शब्दों एवं वाक्यों का निर्माण कर पाते हैं जिसके लिए वर्ण तथा वर्णो के भेद(स्वर और व्यंजन) आदि को सीखने के बाद उच्चारण करना सीखना होता हैं क्योंकि जब तक हम वर्णो का उच्चारण नहीं कर पायेंगें तब तक वाक्यों को पढ़ नहीं पायेंगें और जरूरी बात शब्द कैसे बनते हैं यह भी समझना जरूरी होता हैं इसलिए मात्रा सम्बंधित शब्द का अध्ययन वाक्य को समझना बहुत जरूरी होता हैं अतः हम आपके लिए aa ki matra ke shabd(आ कि मात्रा के शब्द) और उनके सम्बंधित अन्य शब्दों एवं वाक्यों का संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं।
(आ की मात्रा के शब्द)
यदि आप हिंदी वर्णमाला में वर्णो के बारे में जानकारियाँ प्राप्त कर चुके हैं तो आपको मालूम होगा कि वर्ण के दो भेद होते हैं पहला स्वर वर्ण तथा दूसरा व्यंजन वर्ण जिसमें स्वर कि संख्या 11 हैं और व्यंजन वर्ण कि संख्या 41 हैं अब आपको यह समझाना हैं कि ‘मात्रा‘ क्या होता हैं तभी तो मात्राओं से बने शब्द को समझ पायेंगें तो आपको बता दें कि किसी वर्ण को उच्चारण करने में जो समय लगता हैं वही मात्रा कहा जाता हैं अब समझने वाली बात यह हैं कि जिस मात्रा की बात करते हैं वह मात्रा किस से बनती हैं तो इसका जबाब हैं कि ‘मात्रा‘ स्वर वर्ण का होता हैं मतलब कि स्वर वर्ण से ही मात्रा बनता हैं वह कैसे बनता हैं उसे आप एक बार निचे देख लीजिए फिर aa ki matra wale shabd (आ कि मात्रा वाले शब्द ) अथवा वाक्यों को पढ़ने के लिए तो आए ही हैं।
इन्हें भी पढ़ें –
1 . हिंदी वर्णमाला क्या होता हैं – Hindi varanamala
2 . किसे क्या कहते हिंदी व्याकरण में ? पढ़ें – हिंदी व्याकरण
3 हिंदी व्यंजन किसे कहते हैं ?
थोड़ा सा रूककर मात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं फिर ‘आ’ के सम्बंधित शब्दों एवं वाक्यों को पढेंगें, तो आपको बता दें कि मात्रा स्वर वर्ण का ही होता हैं स्वर के बारे में तो अभी ज्यादा बात नहीं करेंगें क्योंकि अभी aa ki matra wale shabd के बारे में पढ़ने आए हैं । इतना बताना आवश्यक हो जाता हैं कि ‘आ‘ कि मात्रा ा होती हैं जो किसी अन्य वर्ण के साथ मिलकर शब्द या अक्षर का निर्माण करते हैं फिर शब्दों को मिलाने से वाक्य बनता हैं अब आ से बने शब्दों को देखते हैं कि यह किस प्रकार बनते हैं जो निम्नलिखित हैं ।
जैसे – जाना’ इसके ‘ज’ में ‘आ’ कि मात्रा ( ा) लगा हैं और ‘न’ में भी ा कि मात्रा लगा हैं जो ज + ा + न + ा = जाना बना हैं।
इसीप्रकार अन्य बहुत सारे शब्द बने हैं जो निचे दिखाया गया हैं –
मामा = म + ा + म + ा
पापा = प + ा + प + ा
नासा = न + ा + स + ा
बाला = ब + ा + ल + ा
काला = क + ा + ल + ा
नाला = न + ा + ल + ा
शाला = श + ा + ल + ा
टाटा = ट + ा + ट + ा
काका = क + ा + क + ा
नाना = न + ा + न + ा
aa ki matra ke vakya in hindi :
यदि आप समझ गए हैं तो अन्य aa ki matra wale shabd को यहाँ पढ़िए –
लाता , रामा , यारा , हाहा , दादा , वादा ,लाला बाबा , आका , साका , बाका, ताका , जाका , लामा , वाका , माया , दाया , छाया , पाया , दाया , नाया , खाया , जाया , टापा , जापा , नाका , जाल , थाल , गाल , नाग , पाग , लाल , हाल , दाल , कान , आग , बाग , मान , साला , बादशाह , ताला , राजा , दामन , बाजा , छाता , लाजा , गागर , बालक शाल , चाल , मान , धाम , दाम , नाच , तारा , आजकल , सादर , बात , माता , दाना , घास , बाल हारा , वाना सारा , धाधा , राणा , आना , पाना , माना आदि ये सब तो दो अक्षर के आ के मात्रा वाले शब्द हैं अब दो अक्षरों से ज्यादा वाले आ की मात्राओं वाले शब्द को देखते हैं जो निम्न हैं ।
आपार , नाहाना, नाकरना , मालाएँ , आदत , कागज, आवाज , नाराज , आशाओं , आधार , आसार , पासार , आनाज , कालाकार , नाकार , साकार , हाहाकार , नाकाम , नापाक , नायाब , पावन , पावर , पाजामा , बारात, बारम्बारता , भारत , भास्कर , भादवा , भावना , मावाद, माखन , मानव , माजरा , जानकार , जानभूझकर , जानकर , जानवर , जाकर , जाबाज , जायज , जायशंकर , थाना , थापर , दानव , दावात , दानवीर , धावत , रावत , लावत , शासक , शासन , शानदार , शाबाश , शायरी , डायरी , डायन , कायर , फायर , नायक , पायल , त्राशदी , जायसी , पायसि , मायूसी , भारती , रावत , कारवा , नादान , काजल , बादशाह , पागल , बाजार , पाठशाला , चावल , तापमान , सामना , फासला , चाचरा , घाघरा , गायकार , आगरा , डाकखाना , कामगार , सामना , राजाराम , कारागार , राधा , गाना , खाकर, आया , भाला , वाना , ताज़ी , राजा , ताम्बा , बाघ , मादा , काजा , हाला , जाला , माताएँ , साधारण , साधन , पायदान , मानस आपलोग , आपसे , आपके , , खाद , सामयिक , आदिम , आश्रय , धातु , भाव , भावाच्य , धान , साग , मात , जात , आपकी , जानकी , भावना , वाक्यांश , रामानुज , कालिया , डारहिं , वाष्प , बांस , आपराधिक , दाँत , वाहनी , आक्रोश , वाहिनी आदि ।
aa ki matra wale shabd
आ की मात्रा के शब्द तीन अक्षर वाले
आकार,वाकड़ ,भाषण ,भारत, सागर, बादल, नाटक, राशन, घायल ,मानव, पालन, ताकत ,साकम, मानव, दानव ,आनंद ,अपार ,आवाज ,आजादी ,आवादी ,आखरी, गाजर सागर, पालक, चावल, भादव, यादव, नाटक, शासन, ताकत, जाकर ,भाकर ,बाकर , गाकर, जाकर , पाकर ,नाकर ,धावक ,सावक ,सावन ,कारक ,रावण, पावक ,नाहक आहट, बालक ,कानन ,राघव , लानत ,काजल ,वापस ,चादर ,आसान ,बाजार ,पागल ,अनाथ ,राहत ,आभार, चालाक ,बाहर ,कालका ,जालसा ,खालसा, नायक ,मातम, आहट ,चाहत , ठाकुर ,पापड़ ,काकर ,बालम ,कारण ,जापान ,राक्षस ,थामना ,पालम ,आवारा ,तालाब ,नाकारा ,बाजारा, नजारा, घाघरा ,सावरा ,नावला, हावड़ा ,भाबरा डाबरा ,जावरा आदि ।
aa ki matra wale vakya
(आ कि मात्रा वाले वाक्य)
आम मीठा हैं ।
शाम ढल गई हैं ।
बाबा मिठाई देते हैं ।
चाचा घर आ गए ।
खाना बन गई हैं ।
मामा खाना खा लिए ।
नाना का गाँव दूर हैं ।
लाला नाराज हैं ।
नाला गन्दा हैं ।
माला सूंदर हैं ।
आजादी की कीमत हमें समझना चाहिए
मानवता सबसे बड़ी धर्म हैं ।
आसमान में बदल छा गए हैं ।
आँगन के तुलसी की पूजा होती हैं ।
aa ki matra wale vakya
बाहर की दुनिया अच्छी नहीं होती हैं ।
आकाश का रंग नीला होता हैं ।
प्यासा कौवा पानी की तलाश में घूमता रहा ।
दान करने से यस बढ़ती हैं ।
काम करने से करीबी नहीं आती हैं ।
राम का नाम सदा स्मरण करते रहने से जीवन मूल्यों की सीख मिलती हैं ।
आदर करना हमारी प्राथमिकता हैं ।
काम करना हमारी मूल कर्तव्य हैं ।
जानकारी ही ज्ञान कहलाती हैं ।
आवाज जितना सुन्दर होता हैं वाणी उतनी सूंदर लगती हैं ।
आवारा लोग हमेशा समाज के लिए अभिशाप होते हैं ।
कारखाना में वस्तुओं का निर्माण किये जाते हैं ।
जानकारी के बीना मानव असमान्यता के शिकार हो जाते हैं ।
आराम से कोइ काम करना चाहिए ।
राम आम खाते हैं ।
राधा गाजर का हलुवा खाया ।
आकाश में बादल छट गया हैं ।
माता का आदर कर ।
माता का कहना मन ।
गमला उठाकर बहार ला ।
माला खाना खाकर पटना गई ।
चाचा बाजार से आया , मामा बाजार गया ।
आम का आचार ।
बादल आया जल बरसाया ।
आशा का मामा आया ।
aa ki matra wale vakya
छाता लगाकर पौधें में पानी डाल ।
काम पर जा ।
आम खा , गाना बजा , नाम कमा ।
ढाबा पर जा , खाना ला ।
आसमानी दुनिया कितना प्यारा होगा ।
आकाल पड़ने से लोग बहुत परेशान हो जाते हैं ।
आदत अच्छी होनी चाहिए ।
भारत के आजादी के बाद आदमी आपस में बहुत खुश थे ।
कागल कि फूल में खुशबू नहीं आती हैं ।
आता जाता मुसाफिर अपने-अपने लक्ष्य प्राप्त करने कि कोशिश करते हैं ।
भारत माता सभी कि पालन पोषण करती हैं ।
आपस आकर जान बचाया ।
aa ki matra wale shabd
aa ki matra ke shabd worksheet
(आ की मात्रा के शब्द वर्कशीट )
शब्द के लिए वर्कशीट –
क + ा + ल + ा =
प + ा + ल + ा =
न + ा + ल + ा =
स + ा + ल + ा =
न + ा + श + ा =
प + ा + प + ा =
ब + ा + ब + ा =
प + ा + स + ा =
द + ा + त + ा =
र + ा + म + ा =
क + ा + क + ा =
द + ा + त + ा =
प + — ठ + श —- + ल + —- =
म + — ख + न =
श + — न + द + — र
श + —- ब + —- श =
र + —- व + त =
न + —– द + —- न =
aa ki matra wale shabd
वाक्य के लिए वर्कशीट –
आस — म + —– न में तारे चमकते हैं ।
—- म मीठा हैं ।
श + — म ढल गई हैं ।
ब + — ब — मिठाई देते हैं ।
च + — च — घर आ गए ।
ख + — न + — बन गई हैं ।
म + — मा + ख + — न + — खा लिए ।
न + — न + —- क + — गाँव दूर हैं ।
ल + —- ल + — न + ा + र + — ज हैं ।
न + — ल + — गन्दा हैं ।
म + — ल + — सूंदर हैं ।
क + — र + — क व्याकरण का भाग हैं ।
भारत के प्रथम ब +— द + श + — ह चन्द्रगुप्त मौर्य थे ।
— जकल स + — वन का मौसम हैं ।
न + — र + — ज + —- गी से क्या फायदा होता हैं ।
आचार्य चाणक्य भ + —- रत के महान राजनीतिज्ञ थे ।
आ + स + म + —- न में तारे चमकते हैं ।
आ + क + — ा + श नीला हैं ।
प + —- नी साफ हैं ।
र + —- ध + — + — म खाते हैं।
aa ki matra wale shabd
Question & Answer-
Q-आ कौन सा स्वर है?
A- आ स्वर वर्ण है , हम जानते हैं कि हिंदी व्याकरण में स्वर वर्ण की संख्या 11 होती हैं जोकि – अ ,आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ और ऋ हैं । इस प्रकार आ स्वर वर्ण हैं जिसकी मात्रा ा होती हैं जिस मात्रा के सहायता से आकारांत शब्द का निर्माण करता हैं और इस पेज में aa ki matra wale shabd के बारे में जानकारिया दी गयी हैं जिसमें आ की मात्रा का ही प्रयोग होता हैं अर्थात इसके बिना हम आ के मात्रा वाले शब्द का निर्माण नहीं कर सकते हैं ।
Q-आ की मात्रा के शब्द कैसे लिखें?
A- आ स्वर वर्ण हैं जिसकी मात्रा ा होती हैं , एक बात ओर बता दें की मात्रा स्वर वर्ण की होती हैं व्यंजन वर्ण की नहीं , अब हमें यह देखना हैं कि आ के मात्रा के द्वारा कैसे शब्द बनाये जाते हैं तथा शब्द कैसे लिखें जाते हैं जिसकी चर्चा करने जा रहे हैं ।
जैसे -आ कि मात्रा ा हैं और जब यह किसी व्यंजन वर्ण के साथ मिलते हैं तो वह एक शब्द अथवा अक्षर का रूम ले लेते हैं जिसके बारे में निम्नलिखित रूप में दर्शया गया हैं –
क + आ = का , और इसमें ग और ज को जोड़ देते हैं तो ‘कागज’ बन जाता हैं अर्थात- क + आ + ग + अ + ज + अ = कागज ।
आ + व + आ + ज + अ = आवाज ।
स + आ + व + अ + न + अ = सावन ।
क + आ + म + अ = काम ।
प + आ + व + अ + न + अ = पावन ।
ज + आ + न + अ + व + अ + र + अ = जानवर आदि यहाँ पर आ मात्रा के रूप में वर्ण के साथ जुड़ जाता हैं और शब्द बन जाता हैं यदि लिखने कि बात हैं तो आप निम्न प्रकार भी लिख सकते हैं अलग – अलग मात्रा को दर्शाने कि आवश्यकता नहीं हैं।
जैसे – आम , जाम , शाम , जाल , काला , बादल , महाकाल , नाला , ताला , भारतीय , नारियल , आराम , नाकाम आदि ।
aa ki matra wale shabd
Q-हिंदी में मात्रा कितनी होती है?
A- आधुनिक हिंदी व्याकरण के अनुसार हिंदी में मात्रा कि संख्या 52 होती हैं जिसे दो भागों में बांटा गया हैं (1) स्वर वर्ण (2) व्यंजन वर्ण , जो निम्नलिखित हैं ।
(1) स्वर वर्ण – अ ,आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ ऋ जिसे परिभाषित करें तो जिस वर्ण का उच्चारण करते समय किसी अन्य वर्ण का सहायता लेना न पड़े तो वह स्वर वर्ण कहा जाता हैं अर्थात जिस वर्ण का उच्चारण स्वंग अपने आप हो तो वह स्वर्ण वर्ण कहा जाता हैं । यदि आपको वर्ण के बारे में जानना हैं तो वर्णमाला का अध्ययन करें सम्पूर्ण जानकारिया मिल जायेगें , फिलहाल वर्ण कि परिभाषा दें रहे हैं – ध्वनि के मूल इकाई को स्वर वर्ण कहा जाता हैं जिसका उदाहरण स्वर वर्ण तथा व्यंजन वर्ण होगा।
(ii) व्यंजन वर्ण – जिस वर्ण का उच्चारण स्वर वर्ण कि सहायता से हो तो वह व्यंजन वर्ण कहा जाता हैं जैसे –
(1) क , ख, ग, घ, ङ – जिसे कवर्ग कहते हैं ।
Q- आ की मात्रा वाले शब्द 20
A- आकार , जाता , मात्राएँ , बाहर , चार , फारसी , वाश , महाप्राण , सामने , आती , जाती , वास्तव , सार्थक , चाय , आदत , व्याकरण , सामान्य , मीठा , बालकपन , गायिका , आचारणी , नायिका , प्रायः , आकारांत , नाग आदि इसके अलावा अनेकों प्रकार के शब्द होते हैं ।
इन्हें भी पढ़ें – 1 हिंदी मात्रा क्या होता हैं